پیامبر اسلام ( ص )

पैग़म्बर की बेसत क्या है
वह एक रहस्यमय रात थी। चांद का मंद प्रकाश नूर नामक पर्वत और उसके दक्षिण में स्थित मरूस्थल पर फैला हुआ था। मक्का और उसके आसपास की प्रकृति पर गहरी निद्रा छायी हुई थी।
27 रजब
पैग़म्बरे इस्लाम (स) ईश्वरीय दूत बनने की औपचारिक घोषणा से पहले प्रत्येक वर्ष एक महीने के लिए हिरा पहाड़ में वक़्त गुज़ारते थे।
पैग़म्बरे इस्लाम (स) के व्यक्तित्व के बारे में यह कहना है संसार के विद्रानों का
प्रसिद्ध रूसी लेखक मुरब्बी एवं फ़ल्सफ़ेए अख़लाक़ के माहिर जिस की शिक्षा और आइडियालोजी को बड़े बड़े राजनीतिज्ञो ने आइडियल बनाया है, वह कहते हैं कि पैग़म्बर इस्लाम (स0) का महान व्यक्तित्व और हस्ती सम्पूर्ण सत्कार एवं सम्मान के लायक़ है और उन का धर्म बुद्धी
मीलादुन्नबी, 17 रबीउल अव्वल
सुन्नी मुसलमानों के अनुसार रसूले ख़ुदा का जन्म 12 रबीउल अव्वल को हुआ था जबकि शियों का मानना है कि हज़रत का जन्म 17 रबीउल अव्वल को हुआ था। इसलिए ईरान में शिया और सुन्नी विद्वानों के दृष्टिकोणों का सम्मान करते हुए मुसलमानों के बीच एकता सप्ताह की घोषणा की गई
पैग़म्बरे इस्लाम (स.) का संसारिक जीवन
इमाम अली अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैं अपने पवित्र नबीं का अनुसरण करो! पैग़म्बर ने इस संसार में केवल आवश्यकता भर चीज़ों का उपयोग किया, अपनी निगाहों को उस पर नहीं टिकाया, अपने मुंह को उससे नहीं भरा, दुनिया की तरफ़ कोई ध्यान नहीं दिया
पैग़म्बरे इस्लाम के छः विशेषताएं
पैग़म्बरे इस्लाम के छः विशेषताएं
नाना की वफ़ात और नवासे की शहादत एक ही दिन
पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा अपने स्वर्गवास से पहले इस्लाम को परिपूर्ण धर्म के रूप में मानवता के सामने पेश कर चुके थे।
पैग़म्बरे इस्लाम और इमाम हसन की शहादत पर विशेष
पैग़म्बरे इस्लाम (स) का स्वर्गवास हुए चौदह सौ वर्ष का समय बीत रहा है परंतु आज भी दिल उनकी याद व श्रृद्धा में डूबे हुए हैं। डेढ अरब से अधिक मुसलमान प्रतिदिन अपनी नमाज़ों में पैग़म्बरे इस्लाम की पैग़म्बरी की गवाही देते हैं, उन पर दुरूद व सलाम भेजते हैं और उ
पैग़म्बरे इस्लाम (स) की शख़्सियत शिया सुन्नी एकता का केन्द्र
एकता व एकजुटता उन सिद्धांतों और नियमों का भाग है जिन पर पैग़म्बरे इस्लाम ने हमेशा बल दिया। पैग़म्बरे इस्लाम ने इसके लिए बड़े प्रयत्न भी किए। हज़रत अली अलैहिस्सलाम इस बारे में कहते हैं कि पैग़म्बरे इस्लाम ने सामाजिक खाइयों को एकता की भावना से भरा और दूरियो
वेद और पुराण में पैग़म्बर के आने की भविष्यवाणी
मुहम्मद (स) अरब में छठी शताब्दी में पैदा हुए, मगर इससे बहुत पहले उनके आगमन की भविष्यवाणी वेदों में की गई हैं। महाऋषि व्यास के अठारह पुराणों में से एक पुराण ‘भविष्य पुराण’ हैं। उसका एक श्लोक यह हैं: