پیامبر اسلام

पैगम्बर मोहम्मद मुस्तफा (स)  की शहादत अहादीस की दृष्टि से
पैगम्बर मोहम्मद मुस्तफा (स) की शहादत अहादीस की दृष्टि से
पैग़म्बर (स) से तबर्रुक करना कैसा है?
कुछ लोग कहते हैं तबर्रुक आप से सही नहीं है लेकिन अगर हम इस्लाम की पुस्तकों पड़हैं विशेष रूप से वे पुस्तकें जो बहुत पुरानी पुस्तकें हैं जो सदर इस्लाम के नज़दीक लिखी गई हैं तो उनसे हमें पता चलेगा कि पैग़म्बर अकरम से तबर्रुक करना सही है.
कुरान की दृष्टि से नबी की फज़ीलतें
खुद कुरान में आपके किन फ़ज़ीलतों का वर्णन किया गया है यूं तो कई फज़ीलतें हैं जो हमें इतिहास और हदीस की पुस्तकों में मिल जाएंगे. लेकिन खुद कुरान जो अल्लाह की किताब है इस में कितनी फज़ीलतें बयान हुई हैं.
शफ़ाअत अहलेबैत
इमाम सादिक़ (अ) से सवाल किया गया क्या मोमिन को कयामत दिन रसूल की शफ़ाअत की जरूरत होगी ?
नबूवत (14)
यह ऐसे लोग लोग हैं जिन्होंने पैगम्बर (स) का इस समय साथ दिया है जब मुक्के में कोई साथ देने वालामोजूद न था दुश्मन तो मौजूद थे जो हर जगह नबी को नुकसान पहचाना चाहते थे. लेकिन आपका कोई मददगार नहीं था.
अंतिम नबी कौन हैं?
यह वह नबी हैं जिन पर नबूतें खत्म हो गई हैं. आप के बाद अब कोई नबी आने वाला नहीं है. आप इस दुनिया में आने वाले अंतिम नबी होंगे. अपने धर्म अंतिम दीन होगा. औरआप की शरीयत अंतिम शरीयत होगी.