वहाबियत के बारे में पैग़म्बर (स.) की भविष्यवाणी

पूर्व की तरफ़ से कुछ लोग निकलेंगे जो क़ुरआन पढ़ते हैं लेकिन वह उनके गलों से आगे नहीं बढ़ता है, वह धर्म से बाहर (विधर्मी) होंगे जिस प्रकार तीर कमान से बाहर हो जाता है, उनकी निशानी सर मूंड़ना है।

सैय्यद ताजदार हुसैन ज़ैदी

अहले सुन्नत की विश्वस्त पुस्तकों का अध्ययन करने पर पता चलता है कि पैग़म्बरे इस्लाम (स) ने अपनी उम्मत में वहाबियों के वजूद की भविष्यवाणी की है।

बुख़ारी अपनी सहीह में पैग़म्बरे इस्लाम (स) से रिवायत की है कि आप फ़रमाते हैं:

يَخرُجُ ناسٌ مِن قِبَلِ المَشرِق ويَقرَؤونَ القُرآن لايُجاوِزُ تَراقِيَهُم يَمرَقونَ مِنَ الدّين كَما يَمرُقُ السَّهمُ مِنَ الرَّمِيَّة ثُمَّ لايَعودون فيه حَتّى يَعودُ السَّهمُ إِلى فوقِهِ قيلَ ما سِيماهُم قالَ سيماهُمُ التَّحلِيق أو قال التَّسبيد

पूर्व की तरफ़ से कुछ लोग निकलेंगे जो क़ुरआन पढ़ते हैं लेकिन वह उनके गलों से आगे नहीं बढ़ता है, वह धर्म से बाहर (विधर्मी) होंगे जिस प्रकार तीर कमान से बाहर हो जाता है, उनकी निशानी सर मूंड़ना है। (1)

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क़सतलानी कहता हैः

من قبل المشرق أی من جهة شرق المدینة کنجد و مابعدها

हदीस में पूर्व की तरफ़ से का तात्पर्य मदीने का पूर्व है जैसे नज्द और उसके बाद की धरती।

ज़ैनी दहलान जो कि वहाबियत के समकालीन है लिखते हैं: वहाबियों के नकार पर कोई पुस्तक लिखने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि उनके नकार पर पैग़म्बरे इस्लाम (स) का यह कथन ही काफ़ी है कि आपने फ़रमायाः उनकी निशानी सर मूंड़ना है, क्योंकि बिदअत पैदा करने वालों में वहाबियों के अतिरिक्त किसी और की यह निशानी नहीं है। (2)

अहमद बिन हम्बल बुख़ारी और दूसरों ने पैग़म्बर से रिवायत की है कि आपने नज्द की धरती के सम्बंध में फरमायाः

بها یطلع قرن الشیطان

वहां से शैतान की सींघ निकलेगी।

अलवी बिन अहमद हद्दाद इस बारे में कहते हैः कि विद्वानों ने पैग़म्बर के इस कथन “शैतान की सींघ निकलेगी” से आपके चमत्कारों में से एक चमत्कार समझा है, क्योंकि आपने अपने इस कथन में भविष्य में इस घटना के होने की बात कही है और उसके लिये अरबी के अक्षर (य) का प्रयोग किया है, क्योंकि पैग़म्बर के युग में मुसैलेमा ने नबूवता दावा किया और अबूबक्र की ख़िलाफ़त में मारा गया लेकिन शैतान की सींघ न निकली लेकिन उसके एक हज़ार एक सौ पचास साल के बाद यह सींघ मोहम्मद बिन अब्दुल वह्हाब की सूरत में निकली। (3)

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1. सही बुख़ारी जिल्द 1, पेज 62

2. अलदोररुल सुन्निया फ़िल रद्दे अलल वहाबिया, पेज 19

3. अलदोररुल सुन्निया फ़िल रद्दे अलल वहाबिया, पेज 19

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