अरफ़ा के आमाल

यह बहुत पवित्र रात है, यह अल्लाह से दुआ मांगने की रात है, इस रात तौबा स्वीकार और दुआ क़ुबूल होती है। जो व्यक्ति भी इस रात में इबादत करेगा उसके लिए 170 साल की इबादत का सवाब लिखा जाएगा। इस रात के कुछ विशेष आमाल हैं:

अरफ़ा की रात के आमाल

सैय्यद ताजदार हुसैन ज़ैदी

यह बहुत पवित्र रात है,  यह अल्लाह से दुआ मांगने की रात है, इस रात तौबा स्वीकार और दुआ क़ुबूल होती है। जो व्यक्ति भी इस रात में इबादत करेगा उसके लिए 170 साल की इबादत का सवाब लिखा जाएगा।

इस रात के कुछ विशेष आमाल हैं:

1.    यह दुआ पढ़े

 اَللّهُمَّ يا شاهِدَ كُلِّ نَجْوى

हे हर रहस्य को जानने वाले

 
وَمَوْضِعَ كُلِّ شَكْوى وَعالِمَ كُلِّ خَفِيَّةٍ وَمُنْتَهى كُلِّ حاجَةٍ يا مُبْتَدِئاً

 और हर शिकायत के संदर्भ और हर छिपी चीज़ के ज्ञाता और हम हाजत की इन्तेहा हे आरम्भ करने वाले

 
بِالنِّعَمِ عَلَى الْعِبادِ يا كَريمَ الْعَفْوِ يا حَسَنَ التَّجاوُزِ يا جَوادُ يا مَنْ لا

 

 अनुकंपाओं के बंदों पर हे क्षमा करने वाले दयालू हे बेहतरीन क्षमा करने वाले हे देने वाले  

 
يُوارى مِنْهُ لَيْلٌ داجٍ وَلا بَحْرٌ عَجّاجٌ وَلا سَمآءٌ ذاتُ اَبْراجٍ وَلا ظُلَمٌ

 

जिससे न रात का अधेरा किसी चीज़ को छिपाता है और न नदियों के लहरे और न बुर्जो वाला आसमान और न बेचीदा अंधेरे 

 
ذاتُ ارْتِتاجٍ يا مَنِ الظُّلْمَةُ عِنْدَهُ ضِيآءٌ اَسْئَلُكَ بِنوُرِ وَجْهِكَ الْكَريمِ

 

हे वह जिसके सामने अंधेरे उज्वल हैं, तुझ से चाहता हूँ तेरी ज़ात के सम्मानीय प्रकाश के सदक़े में 

الَّذى تَجَلَّيْتَ بِهِ لِلْجَبَلِ فَجَعَلْتَهُ دَكّاً وَخَرَّ موُسى صَعِقاً وَبِاسْمِكَ

वही जिसके माध्यम से पहाड़ पर तूने जलवा दिखाया और उसके ध्वस्त कर दिया और मूसा मूर्क्षित होकर ज़मीन पर गिर पड़े और तेरे उस नाम के वास्ते से

 
الَّذى رَفَعْتَ بِهِ السَّمواتِ بِلا عَمَدٍ وَسَطَحْتَ بِهِ الاْرْضَ عَلى وَجْهِ

कि आसमानों के बिना खंबों के उठा रखा है और ज़मीन के जमे हुए पानी पर फैलाया है 

 
ماءٍ جَمَدٍ وَبِاسْمِكَ الْمَخْزوُنِ الْمَكْنوُنِ الْمَكْتوُبِ الطّاهِرِ الَّذى اِذا

और तेरे उस नाम के वास्ते से जो तेरे पास ख़ज़ाना, छिपा हुआ, लिखा हुआ और पवित्र है वही नाम जिससे

 
دُعيتَ بِهِ اَجَبْتَ وَاِذا سُئِلْتَ بِهِ اَعْطَيْتَ وَبِاسْمِكَ السُّبوُحِ الْقُدُّوسِ

अपने पुकारने वाले की सुनता है और जब भी तुझ से उस नाम से मांगा जाए देता है, और तेरे नाम के वास्ते से  पवित्र और महान है

 
الْبُرْهانِ الَّذى هُوَ نوُرٌ عَلى كُلِّ نُورٍ وَنوُرٌ مِنْ نوُرٍ يُضيىُ مِنْهُ كُلُّ

और तेरा तर्क कि जो प्रकाश है हर प्रकाश पर और प्रकाश है प्रकाश से जिससे हर प्रकाश प्रकाशमयी है

 
نوُرٍ اِذا بَلَغَ الاْرْضَ انْشَقَّتْ وَاِذا بَلَغَ السَّمواتِ فُتِحَتْ وَاِذا بَلَغَ

जब धरती पर पहुंचे फट जाए और जब आसमान पर पहुंचे खुल जाए और जब अर्श पर पहुंचे 

 
الْعَرْشَ اهْتَزَّ وَبِاسْمِكَ الَّذى تَرْتَعِدُ مِنْهُ فَرائِصُ مَلائِكَتِكَ وَاَسْئَلُكَ

थरथरा जाए, और तेरे उस नाम के वास्ते से जिससे तेरे फ़रिश्तों के जिस्म कांप जाते हैं, और मैं तुझसे चाहता हूँ

 
بِحَقِّ جَبْرَئيلَ وَميكائيلَ وَاِسْرافيلَ وَبِحَقِّ مُحَمَّدٍ الْمُصْطَفى صَلَّى

जिब्रईल और मीकाईल और इसराफ़ील वास्ते और मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्ललाहो अलैहे व आलेही के वास्ते से 

 
اللّهُ عَلَيْهِ وَ الِهِ وَعَلى جَميعِ الانْبِيآءِ وَجَميعِ الْمَلائِكَةِ وَبِالاِْسْمِ

और समस्त पैग़म्बरे और सारे फ़रिश्तों के वास्ते से, और उन नामों के वास्ते से  

 
الَّذى مَشى بِهِ الْخِضْرُ عَلى قُلَلِ الْمآءِ كَما مَشى بِهِ عَلى جَدَدِ

कि जिनके माध्यम से हज़रत ख़िज़्र पानी पर चलते थे जिस प्रकार समतल ज़मीन पर चलते थे 

 
الاْرْضِ وَبِاسْمِكَ الَّذى فَلَقْتَ بِهِ الْبَحْرَ لِموُسى وَاَغْرَقْتَ فِرْعَوْنَ

और तेरे उस नाम के वास्ते से कि जिसेस तूने मूसा के लिये नदी को दो टुकड़े कर दिया और फ़िरऔन और उसकी क़ौम को डिबो दिया 

 
وَقَوْمَهُ وَاَنْجَيْتَ بِهِ موُسَى بْنَ عِمْرانَ وَمَنْ مَعَهُ وَبِاسْمِكَ الَّذى

और उससे मूसा बिन इमरान और उसने साथियों को बचा लिया, और तेरे उस नाम के वास्ते से कि जिससे  

 
دَعاكَ بِهِ موُسَى بْنُ عِمْرانَ مِنْ جانِبِ الطُّورِ الاْيْمَنِ فَاسْتَجَبْتَ لَهُ

मूसा बिन इमरान ने तुझे पुकारा तूर पहाड़ के दाहिनी तरफ़ से और तूने उनकी पुकार को सुना 

 
وَاَلْقَيْتَ عَلَيْهِ مَحَبَّةً مِنْكَ وَبِاسْمِكَ الَّذى بِهِ اَحْيى عيسَى بْنُ مَرْيَمَ

और उनके ह्रदय में अपने प्रेम को डाल दिया, और तेरे उस नाम के वास्ते से जिसके माध्यम से ईसा बिन मरयम ने मुर्दों को जीवित किया 

 
الْمَوْتى وَتَكَلَّمَ فِى الْمَهْدِ صَبِيّاً وَاَبْرَءَ الاْكْمَهَ وَالاْبْرَصَ بِاِذْنِكَ

और बचपन में झूले में बोले, और पैदाइशी अंधो और कोढ़ के मरीज़ को तेरी आज्ञा से अच्छा किया

 
وَبِاسْمِكَ الَّذى دَعاكَ بِهِ حَمَلَةُ عَرْشِكَ وَجَبْرَئيلُ وَميكآئيلُ

और तेरे उस नाम के वास्ते से जिससे तेरे अर्श को उठाने वाले जिब्रईल और मीकाईल
 
وَاِسْرافيلُ وَحَبيبُكَ مُحَمَّدٌ صَلَّى اللّهُ عَلَيْهِ وَ الِهِ وَمَلائِكَتُكَ

और इसराफ़ील और तेरे हबीव मोहम्मद सल्लललाहो अलैहे व आलेही, और तेरे  

 
الْمُقَرَّبوُنَ وَاَنْبِيآؤُكَ الْمُرْسَلوُنَ وَعِبادُكَ الصّالِحوُنَ مِنْ اَهْلِ

क़रीबी फ़रिश्ते और तेरे भेजे हुए नबी और तेरे बेहतरीन  बेदे
 
السَّمواتِ وَالاْرَضينَ وَبِاسْمِكَ الَّذى دَعاكَ بِهِ ذوُ النُّونِ اِذْ ذَهَبَ

ज़मीन और आसमान पर रहने वाले तुझे पुकारते हैं, और तेरे उस नाम के वास्ते कि जिससे यूनुस ने तुझे पुकारा उस समय

 
مُغاضِباً فَظَنَّ اَنْ لَنْ تَقْدِرَ عَلَيْهِ فَنادى فِى الظُّلُماتِ اَنْ لا اِلهَ اِلاّ

कि जब क्रोधित गये और उन्हें लगा कि तु उनका सख़्त हिसाब न ले तो पुकारा अंधेरों के बीच से कि हे ईश्वर तेरे अतिरिक्त कोई पूजनीय नहीं है
 
اَنْتَ سُبْحانَك اِنّى كُنْتُ مِنَ الظّالِمينَ فَاسْتَجَبْتَ لَهُ وَنَجَّيْتَهُ مِنَ الْغَمِّ

तू पवित्र है और निःसंदेह में ज़ुल्म करने वालों में से हूँ फिर तूने उसकी प्रार्थना को स्वीकार कर लिया और उनको ग़म (अफ़सोस) से नजात दे दी

 
وَكَذلِكَ تُنْجِى الْمُؤْمِنينَ وَبِاسْمِكَ الْعَظيمِ الَّذى دَعاكَ بِهِ داوُدُ وَخَرَّ

और इसी प्रकार तू बचाता है मोमिनों को, और तेरे उस महान नाम के वास्ते से कि जिस नाम से दाऊद ने तुझे पुकारा और तेरे लिये

 
لَكَ ساجِداً فَغَفَرْتَ لَهُ ذَنْبَهُ وَبِاسْمِكَ الَّذى دَعَتْكَ بِهِ آسِيَةُ امْرَاءَةُ

सजदा किया तो तूने उनकी ग़ल्ती को क्षमा कर दिया, और तेरे उस नाम के वास्ते से कि जिससे फ़िरऔन की पत्नी आसिया 

 
فِرْعَوْنَ اِذْ قالَتْ رَبِّ ابْنِ لى عِنْدَكَ بَيْتاً فِى الْجَنَّةِ وَنَجِّنى مِنْ

ने तुझे पुकारा और कहाः हे मेरे पालने वाले मेरे लिये अपने पास स्वर्ग में एक घर बना और मुझे 

 
فِرْعَوْنَ وَعَمَلِهِ وَنَجِّنى مِنَ الْقَوْمِ الظّالِمينَ فَاسْتَجَبْتَ لَها دُعآئَها

फ़िरऔन और उसके कुकर्मों से बचा, और मुझे बचा अत्याचारी लोगों से, फिर तूने उसकी प्रार्थना को स्वीकार कर लिया 

 
وَبِاسْمِكَ الَّذى دَعاكَ بِهِ اَيُّوبُ اِذْ حَلَّ بِهِ الْبَلاءُ فَع افَيْتَهُ وَ اتَيْتَهُ اَهْلَهُ

और तेरे उस नाम के वास्ते कि जिससे अय्यूब ने तुझे पुकारा जब बला उन पर आई तो तूने उन्हें स्वस्थ कर दिया और उनको अह्ल (पत्नी) दी

 
وَمِثْلَهُمْ مَعَهُمْ رَحْمَةً مِنْ عِنْدِكَ وَذِكْرى لِلْعابِدينَ وَبِاسْمِكَ الَّذى

और उनके जैसो को भी अपनी तरफ़ से कृपा और पूजने वालों के लिये नसीहत बनाई, और तेरे उस नाम के वास्ते

 
دَعاكَ بِهِ يَعْقوُبُ فَرَدَدْتَ عَلَيْهِ بَصَرَهُ وَقُرَّةَ عَيْنِهِ يوُسُفَ وَجَمَعْتَ

कि जिसके माध्यम से याक़ूब ने तुझे पुकार तो उनकी आखों की रौशनी और आख़ों की ठंडक यूसुल को उन्हें पलटा दिया 

 
شَمْلَهُ وَبِاسْمِكَ الَّذى دَعاكَ بِهِ سُلَيْمانُ فَوَهَبْتَ لَهُ مُلْكاً لا يَنْبَغى

और उनकी परेशानियों को दूर किया, और तेरे उन नाम के वास्ते से जिससे सुलैमान ने तुझे पुकारा तो तूने उन्हें वह हुकूमत दी कि जिसे

 
لاَِحَدٍ مِنْ بَعْدِهِ اِنَّكَ اَنْتَ الْوَهّابُ وَبِاسْمِكَ الَّذى سَخَّرْتَ بِهِ الْبُراقَ

 उनके बाद किसी को न दी और निःसंदेह तो बहुत देने वाला है, और तेरे उस नाम के वास्ते जिसके माध्यम से बुराक़ को

 
لِمُحَمَّدٍ صَلَّى اللّهُ عَلَيْهِ وَ الِهِ وَسَلَّمَ اِذْ قالَ تَعالى سُبْحانَ الَّذى

मोहम्मद सल्लललाहो अलैहे व आलेही व सल्लम के लिये राम किया जब फ़रमायाः “पवित्र है वह ईश्वर
 
اَسْرى بِعَبْدِهِ لَيْلاً مِنَ الْمَسْجِدِ الْحرامِ اِلَى الْمَسْجِدِ الاْقْصى وَقَوْلُهُ

जो अपने बंदे को रात के समय मस्जिदुर हराम से मस्जिदे अक़सा तक ले गया” और तेरा दूसरा कथनः

 
سُبْحانَ الَّذى سَخَّرَ لَنا هذا وَما كُنّا لَهُ مُقْرِنينَ وَاِنّا اِلى رَبِّنا

“पवित्र है वह ईश्वर जिसने हमारे लिये इसको राम किया अन्यथा हमारे पास उसको राम करने की शक्ति नहीं थी और हम अपने ईश्वर की तरफ़ पलट जाएंगे” 

 
لَمُنْقَلِبوُنَ وَبِاسْمِكَ الَّذى تَنَزَّلَ بِهِ جَبْرَئيلُ عَلى مُحَمَّدٍ صَلَّى اللّهُ

और उस नाम के वास्ते जिससे जिब्रईल मोहम्मद सल्लललाहो अलैहे व आलेही पर उतरते थे 

 
عَلَيْهِ وَ الِهِ وَبِاسْمِكَ الَّذى دَعاكَ بِهِ آدَمُ فَغَفَرْتَ لَهُ ذَنْبَهُ وَاَسْكَنْتَهُ

और तेरे उस नाम के वास्ते कि जिससे आदम ने तुझे पुकार फिर तूने उनके पाप को क्षमा कर दिया और स्वर्ग में  

 
جَنَّتَكَ وَاَسْئَلُكَ بِحَقِّ الْقُرْآنِ الْعَظيمِ وَبِحَقِّ مُحَمَّدٍ خاتَمِ النَّبِيّينَ

स्थान दिया, और मैं तुझ से सवाल करता हूँ महान क़ुरआन के वास्ते से, और अन्तिम नबी मोहम्मद के वास्ते से
 
وَبِحَقِّ اِبْرهيمَ وَبِحَقِّ فَصْلِكَ يَوْمَ الْقَضآءِ وَبِحَقِّ الْمَوازينِ اِذا

और इब्राहीम के वास्ते से और तेरे फ़ैसले के दिन सत्य को असत्य से अलग करने के वास्ते से, और तराज़ुओं के वास्ते से जब वह

 
نُصِبَتْ وَالصُّحُفِ اِذا نُشِرَتْ وَبِحَقِّ الْقَلَمِ وَما جَرى وَاللَّوْحِ وَما

लग जाएं, और नाम ए आमाल (कर्मों का चिट्ठा)  जब खुल जाए, और क़लम और जो कुछ वह लिखे उसके वास्ते से, और लौह

 
اَحْصى وَبِحَقِّ الاِْسْمِ الَّذى كَتَبْتَهُ عَلى سُرادِقِ الْعَرْشِ قَبْلَ خَلْقِكَ

और जो कुछ वह गिने उसके वास्ते से, और तेरे उस नाम के वास्ते से जिसे तूने आसमान के पर्दों पर लिखा है इससे पहले की सृष्टि को पैदा करता 

 
الْخَلْقَ وَالدُّنْيا وَالشَّمْسَ وَالْقَمَرَ بِاَلْفَىْ عامٍ وَاَشْهَدُ اَنْ لا اِلهَ اِلا اللّهُ

और दुनिया, और सूर्य और चाँद को पैदा करता दो हज़ार साल पहले, और मैं गवाही देता हूँ कि तेरे एक ईश्वर
 
وَحْدَهُ لا شَريكَ لَهُ وَاَنَّ مُحَمَّداً عَبْدُهُ وَرَسوُلُهُ وَاَسْئَلُكَ بِاسْمِكَ

के जिसका कोई साथी नहीं है के अतिरिक्त कोई दूसरा पूजनीय नहीं है और मोहम्मद उसके बंदे और रसूल है, और तुझ से सवाल करता हूँ तेरे उस नाम के वास्ते से 

 
الْمَخْزُونِ فى خَزآئِنِكَ الَّذىِ اسْتَاْثَرْتَ بِهِ فى عِلْمِ الْغَيْبِ عِنْدَكَ لَمْ

जो तेरे ख़ज़ानों में सुरक्षित है जिसको तूने अपने इल्मे ग़ैब से विशेष किया है 

 
يَظْهَرْ عَلَيْهِ اَحَدٌ مِنْ خَلْقِكَ لا مَلَكٌ مُقَرَّبٌ وَلا نَبِىُّ مُرْسَلٌ وَلا عَبْدٌ

और किसी को उसका ज्ञान नहीं हुआ तेरी सृष्टि में न किसी क़रीबी फ़रिश्ते को न भेजे नबी को और न

 
مُصْطَفىً وَاَسْئَلُكَ بِاسْمِكَ الَّذى شَقَقْتَ بِهِ الْبِحارَ وَقامَتْ بِهِ الْجِبالُ

चुने हुए बंदे को, और तुझ से सवाल करता हूँ तेरे उस नाम के वास्ते से कि जिससे समुन्दरों को काटा और पहाड़ों को खड़ा किया
 
وَاخْتَلَفَ بِهِ اللَّيْلُ وَالنَّهارُ وَبِحَقِّ السَّبْعِ الْمَثانى وَالْقُرْآنِ الْعَظيمِ

और दिन व रात्रि का आना जाना हुआ, और अल्हम्द के सूरे के वास्ते से और महान क़ुरआन के वास्ते 

 
وَبِحَقِّ الْكِرامِ الْكاتِبينَ وَبِحَقِّ طه وَيس وَ كهيعص وَ حمعسق

और तेरे महान लिखने वालों के वास्ते से, और ताहा और यासीन और काफ़ हा या ऐन साद और हा मीम ऐन सीन क़ाफ़ के वास्ते

 
وَبِحَقِّ تَوْريةِ موُسى وَاِنْجيلِ عيسى وَزَبوُرِ داوُدَ وَفُرْقانِ مُحَمَّدٍ

और मूसा की तौरेत और ईसा की इंजील और दाऊद की ज़ुबूर और मोहम्मद सल्लललाहो अलैहे व आलेही के क़ुरआन के वास्ते से

 
صَلَّى اللّهُ عَلَيْهِ وَ الِهِ وَعَلى جَميعِ الرُّسُلِ وَبِاهِيّاً شَراهِيّاً اَللّهُمَّ اِنّى

और सारे रसूलों पर सलवात हो और आही और शराही (दो महान धार्मिक लोगों के नाम) के वास्ते से
 
اَسْئَلُكَ بِحَقِّ تِلْكَ الْمُناجاتِ الَّتى كانَتْ بَيْنَكَ وَبَيْنَ موُسَى بْنِ

हे ईश्वर मैं तुझ से सवाल करता हूँ उन प्रार्थनों के वास्ते से जो तेरे और मूसा 

 
عِمْرانَ فَوْقَ جَبَلِ طوُرِ سَيْنآءَ وَاَسْئَلُكَ بِاسْمِكَ الَّذى عَلَّمْتَهُ مَلَكَ

बिन इमरान के बीच हुआ तूरे सीना के पहाड़ पर और तुझ से सवाल करता हूँ तेरे उस नाम के वास्ते से जिसे तूने
 
الْمَوْتِ لِقَبْضِ الاْرْواحِ وَاَسْئَلُكَ بِاسْمِكَ الَّذى كُتِبَ عَلى وَرَقِ

मलकुल मौत (यमदूत) को सिखाया आत्माओं को लेने के लिये और तुझ से सवाल करता हूँ तेरे उस नाम के वास्ते से जो ज़ैतून के पत्ते पर लिखा गया
 
الزَّيْتوُنِ فَخَضَعَتِ النّيرانُ لِتِلْكَ الْوَرَقَةِ فَقُلْتَ يا نارُ كوُنى بَرْداً

और उन नाम के सामने अग्नियां झुक गईं और तूने फ़रमायाः हे आग्नि ठंडी और सलामती वाली बन जा

 
وَسَلاماً وَاَسْئَلُكَ بِاسْمِكَ الَّذى كَتَبْتَهُ عَلى سُرادِقِ الْمَجْدِ وَالْكَرامَةِ

और तुझ से सलाव करता हूँ तेरे उस नाम के वास्ते से जिसे तूनी मज्द और करामत के पर्दों पर लिखा 

 
يا مَنْ لا يُحْفيهِ سآئِلٌ وَلا يَنْقُصُهُ نآئِلٌ يا مَنْ بِهِ يُسْتَغاثُ وَاِلَيْهِ

हे वह कि जिसे पुराकने वाला मोहताज नहीं बना सकता और देने से कुछ कम नहीं होता, हे वह कि जिससे फ़रयाद की जाए 

 
يُلْجَاءُ اَسْئَلُكَ بِمَعاقِدِ الْعِزِّ مِنْ عَرْشِكَ وَمُنْتَهَى الرَّحْمَةِ مِنْ كِتابِكَ

और उसकी तरफ़ पनाह ली जाए, तुझ से सवाल करता हूँ हम उस चीज़ के माध्यस से जो तेरे अर्श के सम्मान का कारण बने और तेरी किताब से रहमत की अन्तिम सीमा
 
وَبِاسْمِكَ الاْعْظَمِ وَجَدِّكَ الاْعْلى وَكَلِماتِكَ التّآمّاتِ الْعُلى اَللّهُمَّ

और तेरे महान नाम और तेरे महान स्थान और उच्च पूर्ण कथनों  के वास्ते से,

 
رَبَّ الرِّياحِ وَما ذَرَتْ وَالسَّمآءِ وَما اَظَلَّتْ وَالاْرْضِ وَما اَقَلَّتْ

हे हवाओं और उड़ाने वालों के ईश्वर और हे आसमान के ख़ुदा और जो चीज़ साया करे, और ज़मीन जो चीज़ स्थापित हो के ईश्वर 

 
وَالشَّياطينِ وَما اَضَلَّتْ وَالْبِحارِ وَما جَرَتْ وَبِحَقِّ كُلِّ حَقٍّ هُوَ عَلَيْكَ

और शैतानों और जिस चीज़ को गुमराह करें के ईश्वर, और नदियों और जिसको वह बहा ले जाएं के ईश्वर, और हम उस अधिकार के वास्ते जो तुझ पर है 

 
حَقُّ وَبِحَقِّ الْمَلائِكَةِ الْمُقَرَّبينَ وَالرَّوح انِيّينَ وَالْكَروُبِيّينَ

और तेरे क़रीबी फ़रिश्तों के वास्ते और रूहानियों और करूबियों
 
وَالْمُسَبِّحينَ لَكَ بِاللَّيْلِ وَالنَّهارِ لا يَفْتُروُنَ وَبِحَقِّ اِبْراهيمَ خَليلِكَ

और वह जो तेरी तस्बीह करें रात और दिन बिना थके, और इब्राहीम ख़लील के वास्ते 

 
وَبِحَقِّ كُلِّ وَلِي يُناديكَ بَيْنَ الصَّفا وَالْمَرْوَةِ وَتَسْتَجيبُ لَهُ دُعآئَهُ يا

और हर उस वली और दोस्त के वास्ते जो तुझे सफ़ा और मरवा के बीच में पुकारे और तू उसकी दुआ को स्वीकार करे 

 
مُجيبُ اَسْئَلُكَ بِحَقِّ هذِهِ الاْسْماءِ وَبِهذِهِ الدَّعَواتِ اَنْ تَغْفِرَ لَنا ما

हे स्वीकार करने वाले तुझ से सवाल करता हूँ इन नामों के वास्ते से और इन दुआओं के वास्ते से कि क्षमा कर दे 

 
قَدَّمْنا وَما اَخَّرْنا وَما اَسْرَرْنا وَما اَعْلَنّا وَما اَبْدَيْنا وَما اَخْفَيْنا وَما

उन पापों को जो पहले किये हैं और जो बाद में होंगे, और जो छिपा कर किये और जिनको हमने ज़ाहिर कर दिया, और जिनको हमने प्रत्यक्ष में किया और जिसको छिपा कर किया 

 
اَنْتَ اَعْلَمُ بِهِ مِنّا اِنَّكَ عَلى كُلِّشَىْءٍ قَديرٌ بِرَحْمَتِكَ يا اَرْحَمَ

और उनको जिनके बारे में तू हमसे अधिक जानता है कि निःसंदेह तू हर चीज़ की शक्ति रखता है और तेरी रहमत का वास्त हे सबसे अधिक रहम करने वाले

 
الرّاحِمينَ يا حافِظَ كُلِّ غَريبٍ يا موُنِسَ كُلِّ وَحيدٍ يا قُوَّةَ كُلِّ

हे हर ग़रीब की सुरक्षा करने वाले, हे हर अकेले के हमदम, हे हर रमज़ोर की शक्ति  

 
ضَعيفٍ يا ناصِرَ كُلِّ مَظْلوُمٍ يا رازِقَ كُلِّ مَحْروُمٍ يا موُنِسَ كُلِّ

हे हर पीड़ित की सहायता करने वाले, हे हर वंचित को रोज़ी देने वाले, हे हर  

 
مُسْتَوْحِشٍ يا صاحِبَ كُلِّ مُسافِرٍ يا عِمادَ كُلِّ حاضِرٍ يا غافِرَ كُلِّ

 भयभीत के मोनिस, हे हर यात्री के हमसफ़र, हे हर उपस्थित के विश्वासपात्र, हे हर

 
ذَنْبٍ وَخَطَّيئَةٍ يا غِياثَ الْمُسْتَغيثينَ يا صَريخَ الْمُسْتَصْرِخينَ يا

पाप और ग़ल्ती को क्षमा करने वाले, हे फ़रयाद करने वालों की फ़रयाद सुनने वाले, हे न्याय चाहने वालों को न्याय देने वाले

 
كاشِفَ كَرْبِ الْمَكْرُوبينَ يا فارِجَ هَمِّ الْمَهْمُوُمينَ يا بَديعَ

हे पीडितों से बुसीबत दूर करने वाले, हे ग़मज़दों के ग़म को दूर करने वाले 

 
السَّمواتِ وَالاْرَضينَ يا مُنْتَهى غايَةِ الطّالِبينَ يا مُجيبَ دَعْوَةِ

हे आसमानों और ज़मीनों को पैदा करने वाले, हे ढूडने वालों का अन्तिम लक्ष्य, हे परेशान हालों की प्रार्थना स्वीकार करने वाले
 
الْمُضْطَرّينَ يا اَرْحَمَ الرّاحِمينَ يا رَبَّ الْعالَمينَ يا دَيّانَ يَوْمِ الدّينِ

हे सबसे अधिक रहम करने वाले, हे संसारों के परवरदिगार, हे क़यामत के दिन बदला देने वाले
 
يا اَجْوَدَ الاْجْوَدينَ يا اَكْرَمَ الاْكْرَمينَ يا اَسْمَعَ السّامِعينَ يا اَبْصَرَ

हे देने वालों से अदिक बख़्शने वाले, हे कृपा करने वालों से अधिक कृपालु, हे सुनने वालों से अधिक सुनने वाले,  हे देखने वालों

 
النّاظِرينَ يا اَقْدَرَ الْقادِرينَ اغْفِرْ لِىَ الذُّنوُبَ الَّتى تُغَيِّرُ النِّعَمَ

से अधिक देखने वाले, हे शक्तिशालियों से अधिक शक्तिशाली मेरे उन पापों को क्षमा कर दे जो नेमतों को बदलते हैं

 
وَاغْفِرْ لِىَ الذُّنوُبَ الَّتى توُرِثُ النَّدَمَ وَاغْفِرْ لِىَ الذُّنوُبَ الَّتى

और मेरे उन पापों को क्षमा कर दे जो लज्जित करते हैं और मेरे उन पापों को क्षमा कर दे
 
توُرِثُ السَّقَمَ وَاغْفِرْ لِىَ الذُّنوُبَ الَّتى تَهْتِكُ الْعِصَمَ وَاغْفِرْ لِىَ

जो बीमारी का कारण बनते हैं, और मेरे उन पापों को क्षमा कर दे जो पर्दों को फाड़ देते हैं, और मेरे उन पापों को क्षमा कर दे  

 
الذُّنوُبَ الَّتى تَرُدُّ الدُّعآءَ وَاغْفِرْ لِىَ الذُّنوُبَ الَّتى تَحْبِسُ قَطْرَ

दो दुआओं को पलटा देते हैं, और मेरे उन पापों को क्षमा कर दे जो

 
السَّمآءِ وَاغْفِرْ لِىَ الذُّنوُبَ الَّتى تُعَجِّلُ الْفَنآءَ وَاغْفِرْ لِىَ الذُّنوُبَ

आसमान से बारिश को रोक देते हैं और क्षमा कर दे उन पापों को जो मौत में शीघ्रता का कारण बनते हैं, और मेरे उन पापों को क्षमा कर दे
 
الَّتى تَجْلِبُ الشَّقآءَ وَاغْفِرْ لِىَ الذُّنوُبَ الَّتى تُظْلِمُ الْهَوآءَ وَاغْفِرْ لِىَ

जो दुर्भाग्य लाते हैं, और मेरे उन पापों को क्षमा कर दे जो हवा का अंधकारमय कर देते हैं, और मेरे

 
الذُّنوُبَ الَّتى تَكْشِفُ الْغِطآءَ وَاغْفِرْ لِىَ الذُّنوُبَ الَّتى لا يَغْفِرُها

उन पापों को क्षमा कर दे पर्दों को खोल देते हैं, और मेरे उन पापों को जिनकों तेरे अतिरिक्त कोई नहीं क्षमा करता है

 
غَيْرُكَ يا اَللّهُ وَاحْمِلْ عَنّى كُلَّ تَبِعَةٍ لاِحَدٍ مِنْ خَلْقِكَ وَاجْعَلْ لى مِنْ

हे अल्लाह और मेरे काधों से हर उस हक़ को उठा दे जो तेरी मख़लूक़ में से किसी का है और मेरे मेरे कार्यों  

 
اَمْرى فَرَجاً وَمَخْرَجاً وَيُسْراً وَاَنْزِلْ يَقينَكَ فى صَدْرى وَرَجآءَكَ

में सहूलत क़रार दे और आसानी और बाहर आने का रास्ता, और तेरे विश्वास को नाज़िल कर मेरे सीने में
 
فى قَلْبى حَتّى لا اَرْجُوَ غَيْرَكَ اَللّهُمَّ احْفَظْنى وَعافِنى فى مَقامى

 और तेरी आशा को मेरे दिल में ताकि तेरे अतिरिक्त किसी दूसरे से आशा न रखूं, हे ईश्वर मुझे बचा और सलामती दे मेरे स्थान पर

 
وَاصْحَبْنى فى لَيْلى وَنَهارى وَمِنْ بَيْنِ يَدَىَّ وَمِنْ خَلْفى وَعَنْ

और दिन एवं रात्रि मेरे साथ रह, और मेरे सामने और पीछे से और
 
يَمينى وَعَنْ شِمالى وَمِنْ فَوْقى وَمِنْ تَحْتى وَيَسِّرْ لِىَ السَّبيلَ

दाहिने एवं बाएं से और मेरे ऊपर और नीचे से, और मेरे लिये आसान कर दे रास्तों को 

 
وَاَحْسِنْ لِىَ التَّيْسيرَ وَلا تَخْذُلْنى فِى الْعَسيرِ وَاهْدِنى يا خَيْرَ دَليلٍ

और आसानी एवं ख़ुशी मेरे लिया लिख दे, और कठिनाईयों में मुझे लज्जित न कर, और मेरा मार्गदर्शन कर हे बेहतरीन मार्गदर्शन करने वाले

 
وَلا تَكِلْنى اِلى نَفْسى فِى الاُْموُرِ وَلَقِّنى كُلَّ سُروُرٍ وَاقْلِبْنى اِلى

और कार्यों में मुझे स्वंय पर न छोड़ दे, और हर ख़ुशी एवं प्रसन्ता को मेरे दिल में डाल दे और मुझे मेरे  

 
اَهْلى بِالْفَلاحِ وَالنَّجاحِ مَحْبوُراً فِى الْعاجِلِ وَالاجِلِ اِنَّكَ عَلى

परिवार की तरफ़ पलटा दे कामियाबी और सफ़लता के साथ, साज सज्जा दे दुनिया और आख़ेरत में कि निःसंदेह 

 
كُلِّشَىْءٍ قَديرٌ وَارْزُقْنى مِنْ فَضْلِكَ وَاَوْسِعْ عَلَىَّ مِنْ طَيِّباتِ رِزْقِكَ
 

 तू हर चीज़ पर पर शक्ति रखता है, और अपने करम से मुझे रोज़ी दी, और मुझ पर अपनी पाक रोज़ी को बढ़ा

وَاسْتَعْمِلْنى فى طاعَتِكَ وَاَجِرْنى مِنْ عَذابِكَ وَنارِكَ وَاقْلِبْنى اِذا

और अपनी इबादत पर मुझे विवश कर, और मुझे नर्क की अग्नि और सज़ा से पनाह दे, और मुझे पलटा दे 

 
تَوَفَّيْتَنى اِلى جَنَّتِكَ بِرَحْمَتِكَ اَللّهُمَّ اِنّى اَعوُذُ بِكَ مِنْ زَوالِ نِعْمَتِكَ

अपनी रहमत की तरफ़ जब मुझे इस दुनिया से ले जा अपने स्वर्ग की तरफ़, हे ईश्वर तुझ से पनाह मांगता हूँ नेमतों की समाप्ती से

 
وَمِنْ تَحْويلِ عافِيَتِكَ وَمِنْ حُلوُلِ نَقِمَتِكَ وَمِنْ نُزوُلِ عَذابِكَ

और तेरी आफ़ियत से बदल जाने से और तेरे क्रोध के आने से और तेरे अज़ाब के नाज़िल होने से 

 
وَاَعوُذُ بِكَ مِنْ جَهْدِ الْبَلاءِ وَدَرَكِ الشَّقآءِ وَمِنْ سُوَّءِ الْقَضآءِ

और तुझ से पनाह मांगता हूँ सख़्ती बला मुसीबत दुर्भाग्य और बुरी क़िस्मत

 
وَشَماتَةِ الاْعْدآءِ وَمِنْ شَرِّ ما يَنْزِلُ مِنَ السَّمآءِ وَمِنْ شَرِّ ما فِى

और शत्रुओं के निंदा और हर उस मुसीबत से जो आसमान से आए और हर उस मुसीबत से 

 
الْكِتابِ الْمُنْزَلِ اَللّهُمَّ لا تَجْعَلْنى مِنَ الاْشْرارِ وَلا مِنْ اَصْحابِ

जिसे अपनी नाज़िल की किताब में बयान किया है, हे ईश्वर मुझे बुरों में क़रार न दे और न नर्क वालों में
 
النّارِ وَلا تَحْرِمْنى صُحْبَةَ الاْخْيارِ وَاَحْيِنى حَيوةً طَيِّبَةً وَتَوَفَّنى

और मुझे अच्छों की सोहबत से महरून न करे, और मुझे पवित्र जीवन दे और पवित्र मौत दे 

 
وَفاةً طَيِّبَةً تُلْحِقُنى بِالاْبْرارِ وَارْزُقْنى مُرافَقَةَ الاْنْبِيآءِ فى مَقْعَدِ

और मुझे नेक बंदों के साथ मिला दे, और मुझे नबियों की दोस्ती की रोज़ी दे अच्छे स्थान पर 

 
صِدْقٍ عِنْدَ مَليكٍ مُقْتَدِرٍ اَللّهُمَّ لَكَ الْحَمْدُ عَلى حُسْنِ بَلائِكَ

शक्तिशाली बादशाह के पास, हे ईश्वर तेरी प्रशंसा है तेरी बेहतरीन परीक्षा पर 

 
وَصُنْعِكَ وَلَكَ الْحَمْدُ عَلَى الاِْسْلامِ وَاتِّباعِ السُّنَةِ يا رَبِّ كَما

और तेरे बेहतरीन व्यवहार पर, और तेरी प्रशंसा है इस्लाम की नेमत पर और सुन्नत के अनुसरण पर, हे पालने वाले  

 
هَدَيْتَهُمْ لِدينِكَ وَعَلَّمْتَهُمْ كِتابَكَ فَاهْدِنا وَعَلِّمْنا وَلَكَ الْحَمْدُ عَلى

जिस प्रकार उन नबियों को अपने दीन का मार्गदर्शन किया और अपनी किताब उनको दी हमारा भी मार्गदर्शन कर और हमें सिखा  

 
حُسْنِ بَلائِكَ وَصُنْعِكَ عِنْدى خآصَّةً كَما خَلَقْتَنى فَاَحْسَنْتَ خَلْقى

और तेरी प्रशंसा है तेरी बेहरतीन परीक्षा पर और अच्छे व्यवहार पर मेरे लिये कि मुझे पैदा कि और बेहतरीन सूरत दी
 
وَعَلَّمْتَنى فَاَحْسَنْتَ تَعْليمى وَهَدَيْتَنى فَاَحْسَنْتَ هِدايَتى فَلَكَ

और मुझे सिखाया, और बेहतरीन ज्ञान दिया, और मेरा मार्गदर्शन किया और बेहतरीन मार्गदर्शन किया

 
الْحَمْدُ عَلى اِنْعامِكَ عَلَىَّ قَديماً وَحَديثاً فَكَمْ مِنْ كَرْبٍ يا سَيِّدى

तो तेरी प्रशंसा है मुझ पर तेरी नेमतों पर पुराने ज़माने से लेकर नये ज़माने तक, तो कितनी समस्याएं है हे मेरे सरदार 

 
قَدْ فَرَّجْتَهُ وَكَمْ مِنْ غَمٍّ يا سَيِّدى قَدْ نَفَّسْتَهُ وَكَمْ مِنْ هَمٍّ يا سَيِّدى قَدْ

जिनको तूने सुलझाया और कितने दुख हैं मेरे सरदार जिनको तूने दूर किया और कितने ग़म हैं मेरे सरदार जिनको तूने दूर किया
 
كَشَفْتَهُ وَكَمْ مِنْ بَلاءٍ يا سَيِّدى قَدْ صَرَفْتَهُ وَكَمْ مِنْ عَيْبٍ يا سَيِّدى

और कितनी बलाएं हैं मेरे सरदार जिनको तूने पलटा दिया और कितने ऍब हैं मेरे सरदार  

 
قَدْ سَتَرْتَهُ فَلَكَ الْحَمْدُ عَلى كُلِّ حالٍ فى كُلِّ مَثْوىً وَزَمانٍ وَمُنْقَلَبٍ

जिनको तूने छिपाया है, तो तेरी प्रशंसा है हर हालत में हर स्थान और हर समय में  

 
وَمَُقامٍ وَعَلى هذِهِ الْحالِ وَكُلِّ حالٍ اَللّهُمَّ اجْعَلْنى مِنْ اَفْضَلِ عِبادِكَ

 और हर जगह पर और इस अवस्था में और हर अवस्था में, हे ईश्वर मुझे क़रार दे तेरे बेहतरीन बंदों में

 
نَصيباً فى هذَا الْيَوْمِ مِنْ خَيْرٍ تَقْسِمُهُ اَوْ ضُرٍّ تَكْشِفُهُ اَوْ سُوءٍ تَصْرِفُهُ

इस दिन के हिस्से में हर ख़ैर में जो तू तक़्सीम करे या बला जो तू दूर करें या बुराई जो पलटा दे
 
اَوْ بَلاءٍ تَدْفَعُهُ اَوْ خَيْرٍ تَسُوقُهُ اَوْ رَحْمَةٍ تَنْشُرُها اَوْ عافِيَةٍ تُلْبِسُها

या बला जिसको दूर कर दे, या ख़ैर जिसको तू भेज दे, या रहमत जो तू फैला दे, या स्वास्थ का वस्त्र जो  तू पहना दे

 
فَاِنَّكَ عَلى كُلِّشَىْءٍ قَديرٌ وَبِيَدِكَ خَزآئِنُ السَّمواتِ وَالاْرْضِ وَاَنْتَ

 कि निःसंदेह तू हर चीज़ की शक्ति रखता है और ज़मीन और आसमान के ख़ज़ाने तेरे पास हैं

 
الْواحِدُ الْكَريمُ الْمُعْطِى الَّذى لا يُرَدُّ سآئِلُهُ وَلا يُخَيَّبُ امِلُهُ وَلا

और तू अकेला है करीम है देने वाला है जो अपने मांगने वाले को वापस नहीं करता है और आशा रखने वाले को निराश नहीं करता है 

 
يَنْقُصُ نآئِلُهُ وَلا يَنْفَدُ ما عِنْدَهُ بَلْ يَزْدادُ كَثْرَةً وَطيباً وَعَطآءً وَجوُداً

और उसकी दी हुई चीज़ कम होने वाले है और उसके ख़ज़ाने समाप्त होने वाले नहीं है बल्कि सदैव अधिकता, और पवित्रा और उदारता बढ़ती रहती है 

 
وَارْزُقْنى مِنْ خَزآئِنِكَ الَّتى لا تَفْنى وَمِنْ رَحْمَتِكَ الْواسِعَةِ اِنَّ

और मुझे अपने ख़ज़ानों से रोज़ी दे जो समाप्त होने वाले नहीं है, और अपनी महान दयालुता से कि निःसंदेह

 
عَطآئَكَ لَمْ يَكُنْ مَحْظوُراً وَاَنْتَ عَلى كُلِّشَىْءٍ قَديرٌ بِرَحْمَتِكَ يا

तेरी अता किसी से रुकी नहीं है और तू हर चीज़ पर शक्ति रखता है 

اَرْحَمَ الرّاحِمينَ.

हे सबसे अधिक रहम करने वाले।

 

 

 

2.    اللھم من تعبا و تھیا अल्लाहुम्मा सल ताबा व तहया (इस दुआ को अरफ़ा के दिन और शबे जुमा भी पढ़ना चाहिए)

3.    तस्बीहाते अशर पढ़ने जिसको सैय्यद इब्ने ताऊस ने एक़ाबुलुल आमाम में लिखा है।

4.    कर्बला की ज़ियारत करना और वहा बक़्रईद के दिन तक रुकना ताकि ख़ुदा उसको उस साल के शर से सुरक्षित रखे

नई टिप्पणी जोड़ें