यमन युद्ध का मास्टमांइड अमरीका और सऊदी अरब हथियार है

अंसारुल्लाह यमन के लीडर ने कहा है कि अमेरिका यमन युद्ध में दिमाग़, जबकि इस्राईल उसका दिल और सऊदी अरब उसका हथियार है।

यमन के अलमसीरा चैनल के अनुसार, अंसारुल्लाह प्रमुख अब्दुल मलिक अलहौसी ने यमन में सऊदी अरब गठबंधन हमले के दो वर्ष पूरे हो जाने के अवसर पर कहा: यमनी राष्ट्र अपनी स्वतंत्रता और सम्मान की रक्षा के लिए तैयार है, और कहा है कि: राष्ट्र और प्रतिरोधी की शक्ति, शहीदों और घायलों की वजह से है।

अब्दुल मलिक अलहौसी ने कहा: प्रतिरोध की सफलता, राष्ट्र की एकता और देश के विभिन्न भागों के सहयोग से प्राप्त हुई है।

अंसारुल्लाह प्रमुख ने कहा: यमन के सभी समूहों की एकजुटता से दुश्मन से लड़ने में मदद मिली है।

उन्होंने कहा: दुश्मन से मुक़ाबले का एक और कारण दुश्मन की बर्बरता और अत्याचार है जिससे हर इंसान से नफ़रत करता है।

अब्दुल मलिक अलहौसी ने इस देश के बच्चों पर दुश्मन मिसाइल हमलों के बारे में कहा: अमरीका यमन युद्ध में दिमाग़, इस्राईल धड़कता दिल और सऊदी अरब उपकरण है।

उन्होंने कहा अमरीका और इस्राईल इस्लाम के खिलाफ हैं और यमनियों को नष्ट कर देना चाहते हैं, क्योंकि वे जानते हैं इस क़ौम में अमेरिका के नापाक इरादों के सामने खड़े होने की हिम्मत है।

अलहौसी ने अमरीका द्वारा इस क्षेत्र के विनाश के लिए तैयार की जा रही योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा: सऊदी अरब और इस्राईल और अबूधाबी और तेल अवीव में आपसी सहयोग बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा: सऊदी अरब मिस्र के महत्व को कम करना चाहता है और इस देश से बुरा व्यवहार जारी रखे हुए है।

और कहा: सऊदी अरब और अमीरात का यमन में हस्तक्षेप इस्राईल के इशारे पर हो रहा है।

अब्दुल मालिक ने कहा दुश्मन के हमले की वजह से उनके देश ने सैन्य और अन्य क्षेत्रों में कई उपलब्धियां हासिल की हैं।

उन्होंने इस देश के संस्थानों के काम शुरू करने और उनमें से विश्वासघातियों को बाहर निकालने की भी मांग की।

गौरतलब है कि सऊदी गठबंधन ने दो साल पहले मंसूर हादी को सत्ता में वापस लाने के बहाने से इस देश पर हमला कर दिया था, जिसके कारण इस देश का इंफ्रास्ट्रक्चर तबाह हो गया है, और हजारों यमनी नागरिक मारे गए हैं।

इसी संबंध में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संस्था ने रिपोर्ट पेश की जिसमें कहा गया है कि अब तक 4773 आम नागरिक मारे और 8272 लोग घायल हो गए हैं।

 

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