इराक़ से सुन्नी सिपाही की कहानी हुई वायरल, सर कटा दिया पर दाइश के आगे झुकाया नहीं

आतंकवादी गुट दाइश ने एक महीना पहले अंबार प्रांत के नख़ीब क्षेत्र से तीन इराक़ी सीमा सुरक्षा बलों का अपहरण कर लिया था।

आतंकवादी गुट दाइश ने एक महीना पहले अंबार प्रांत के नख़ीब क्षेत्र से तीन इराक़ी सीमा सुरक्षा बलों का अपहरण कर लिया था।

दाइश के आतंकियों ने एक ताज़ा वीडियो जारी किया है जिसमें दिखाया गया है कि दाइश इराक़ी सेना के एक अधिकारी का सिर काट रहे हैं और एक अन्य सीमा सुरक्षा बल के जवान को एक गड्ढ़े में जो लगता है कि उसने अपने हाथ से खोदा था, गोली मार कर शहीद कर देते हैं। सामान्य रूप से दाइश के आतंकी जिन लोगों की हत्या करना चाहते हैं उनसे वह स्वयं की गड्ढ़ा खुदवाते हैं ताकि अपराध करने के बाद उस व्यक्ति को उसी गड़्ढ़े में दफ़्न कर दें।

तीसरे सीमा सुरक्षा बल के जवान के बारे में कुछ पता नहीं चल सका क्योंकि उसका वीडियो जारी नहीं किया गया। इराक़ी सीमा सुरक्षा बल के जवान अबू बक्र अब्बास यासीन सामर्रायी के परिजनों का कहना है कि उनके अपहरण के बाद हमने उनके लापता होने की घोषणा कर दी थी। दाइश ने इराक़ी अधिकारी का नाम अब्बास बताया ताकि यह दिखा सके कि वह केवल शिया मुसलमानों से युद्ध कर रहे हैं और इस देश में सुन्नी समुदाय का समर्थन करते हैं जबकि इराक़ी सैन्य अधिकारी के पूरे नाम से पता चलता है कि वह सुन्नी समुदाय का एक देशभक्त सिपाही था।

सोशल मीडिया के कार्यकर्ताओं ने इस इराक़ी देश भक्त सिपाही की तस्वीर जारी की और अबू बक्र अब्बास यासीन सामर्रायी को एकजुट इराक़ का उदाहरण बताया और दाइश पर देश में सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप लगाया। सोशल मीडिया पर सक्रिय कार्यकर्ताओं ने इस सैनिक के साहस की ओर संकेत करते हुए बल दिया कि अंतिम क्षण तक उसने दाइश के जल्लादों के सामने सिर नहीं झुकाया और सिर ऊंचा करके ही अपनी गर्दन कटवा दी।

 

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