पैग़म्बरे इस्लाम (स) धूप का चश्मा लगाया करते थे!

पैग़म्बरे इस्लाम (स) का परिचय नामी अंतर्राष्ट्रीय समिति के सहायक ख़ालिद बिन अब्दुल रहमान अल शाया ने अपने एक बयान में कहाः बहुत अफ़सोस के साथ कहना पड़ रहा है कि सऊदी अरब के विद्यार्थियों की पाठ्य पुस्तकों में पैग़म्बरे इस्लाम (स) के गुणों के भाग में लिखा ह

पैग़म्बरे इस्लाम (स) का परिचय नामी अंतर्राष्ट्रीय समिति के सहायक ख़ालिद बिन अब्दुल रहमान अल शाया ने अपने एक बयान में कहाः बहुत अफ़सोस के साथ कहना पड़ रहा है कि सऊदी अरब के विद्यार्थियों की पाठ्य पुस्तकों में पैग़म्बरे इस्लाम (स) के गुणों के भाग में लिखा है कि वह धूप वाला चश्मा लगाया करते थे।

उन्होंने कहाः यह सरासर झूठ हैं और इस दावे को प्रमाणित करने के लिए कोई भी दस्तावेज़ नही हैं, धूप का चश्मा लगाना कभी भी पैग़म्बर (स) के गुणों में से नहीं रहा है।

अल शाया ने कहाः रिवायतें बताती हैं कि पैग़म्बरे इस्लाम (अ) की आँखें काली और बड़ी थी, और सम्भव है कि पाठ्य पुस्तक लिखने वाले को रिवायतों का ज्ञान न रहा हो इसी कारण ग़लतफ़हमी में उसने यह लिख दिया है कि रसूल (स) धूप वाला चश्मा लगाया करते थे।

पैग़म्बरे इस्लाम (स) का परिचय नामी अंतर्राष्ट्रीय समिति के सहायक ने आगे कहाः मुझे यह नही पता है कि धूप वाला चश्मा कब बनाया गया, लेकिन इस्लामी इतिहास की जानकारी रखता हूँ और मुझे पता है कि पैग़म्बरे इस्लाम (स) के ज़माने में धूप वाला चश्मा नही था।

अंत में उन्होंने कहाः हमने शिक्षा अधिकारियों से बात चीत की है और उनको पत्र भी लिखें हैं ताकि बाद के प्रकाशन में इस ग़ल्ती को दोहराया ना जाए, और पुस्तक से इस भाग को हटाया जाए।

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