अमीरुल मोमिनीन हज़रत अली (अ) की संक्षिप्त जीवनी

अमीरुल मोमिनीन हज़रत अली (अ) की संक्षिप्त जीवनी

आप का नामः अली, हैदर

आप का लक़बः अमीरुल मोमिनीन, मुर्तज़ा, वसी-ए-रसूल अल्लाह (स.), ख़लीफ़ुर्रसूल (स.), सैय्यदुल ओसिया, इमामुल मुत्तक़ीन, असदुल्लाह, सैफ़ुल्लाह, कर्रार, हादी, वग़ैरा

आप की कुन्नियतः अबुल हसन, अबुल हसनैन, अबुस्सिबतैन, अबु तुराब, अख़ु रसूल अल्लाह (स.)

पिता का नामः हज़रत अबु तालिब (अ.) हज़रत रसूले ख़ुदा (सल्लल लाहो अलैहि व आलेहि व सल्लम) के समर्पित और जान निछावर करने वाले  चचा।

माताः फ़ातिमा बिन्ते असद वोह नारीजो हज़रत रसूले ख़ुदा (सल्लल लाहो अलैहि व आलेहि व सल्लम) के लिए में बहुत दयालू थीं उन की सेवा करती थीं और उन को अपने बच्चों पर प्राथमिक्ता देती थीं।

जन्मः रसूले ख़ुदा (स) की बेसत से दस साल पहले ख़ाना-ए-काबा के अन्दर।

पालन पोषणः रसूले ख़ुदा (स) के घर में और उन्हीं की क्षत्रछाया में।

ईमानः रसूले ख़ुदा (स) पर सब से पहले ईमान लाऐ सब से पहले आपके साथ नमाज़ अदा की।

इमामत की समय सीमाः 30 साल, 11 हिजरी से 40 हिजरी तक।

ज़ाहिरी ख़िलाफ़तः तक़रीबन 5 साल, 36 हिजरी से 40 हिजरी तक।

आयुः 63 साल, 40 हिजरी।

शहादतः 19 रमज़ान को नमाज़े सुब्ह अदा करते हुऐ इब्ने मुलजिम के हाथों और 21 रमज़ान 40 में सहर के वक़्त आप की शहादत हुई।

मरने का स्थानः नजफ़े अशरफ़।

विवाहः सब से पहली पत्नि दुखतरे रसूल (स) हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (स.) आप के साथ 10 साल रहीं उन की शहादत के बाद उन की वसीयत के अनुसार असामा से शादी की उस के बाद कुछ और औरतों से शादी की मोहम्मद हनफ़िया की वालदा, ख़ूला हनफ़िया और जनाबे अब्बास की वालदा जनाबे उम्मुल बनीन जियादा मशहूर हैं।

औलादः इमामे हसन अलैहिस्सलाम, इमामे हुसैन अलैहिस्सलाम, ज़ेनबे कुबरा, उम्मे कुलसूम, यह जनाबे ज़ेहरा (स.) की औलाद हैं। मोहम्मद हनफ़िया, अब्बास, जाफ़र, औन, उसमान, दूसरी बीवियों से हैं।

जारी है..............

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