वहाबी मुफ़्ती के ट्वीट के तुरंत बाद अमरीका ने सीरियन सेना पर बरसाए बम 64 की मौत

जार्डन के वहाबी मुफ़्ती अबू मुहम्मद अलमक़दिसी ने ट्वीट में अमरीका से सीरिया में थल सेना भेजने की मांग की की और कहा था कि सीरिया में अमरीकी सेना को सीरियन केन्द्रों और सैनिकों को निशाना बनाना चाहिये, जिसके जवाब में अमरीकी सेना ने आतंकवादियों का समर्थ करते

 

सीरिया में अमरीका की अगुवाई वाले गठबंधन के सीरियन सेना की पोज़िशन पर हमले के बाद रूस ने कहा है कि अब इस बात में कोई शक नहीं रह गया है कि अमरीका दाइश का समर्थन कर रहा है।

रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़ख़ारोवा ने कहा, “हम इस ख़ौफ़नाक निष्कर्ष पर पहुंच रहे हैं कि वाइट हाउस दाइश का समर्थन कर हरा है। अब इस बारे में कोई शक नहीं रह जाता।”

सीरिया की जनरल कमान ने भी इस घटना को सीरियन सेना पर खुले व गंभीर अतिक्रमण की संज्ञा देते हुए कहा कि यह हमला इस बात का ठोस सुबूत है कि अमरीका की अगुवाई वाला गठबंधन दाइश का समर्थन करता है।

रूस की सेना ने अमरीकी गठबंधन के हमले के बाद कहा, “इस गठबंधन के हमले के बाद, दाइश के आतंकियों ने हमला शुरु किया, अगर यह हमला लक्ष्यों को समन्वित करने में ग़लती के कारण था तो यह भी अमरीका के इंकार का सीधा नतीजा है कि उसने सीरिया में दाइश के ख़िलाफ़ लड़ाई में रूस के साथ समन्वय बनाने से मना कर दिया है।”

इस हमले के बाद रूस ने सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई। संयुक्त राष्ट्र संघ में रूस के दूत ने कहा कि ये हवाई हमले ग़लती का नतीजा नहीं लगते। उन्होंने कहा, “अमरीका का इस ख़ास समय में हवाई हमला करना बहुत ज़्यादा संदिग्ध है। यह संयोगवश घटना नहीं है क्योंकि यह घटना रूस-अमरीका के बीच समझौते के पूरी तरह लागू होने के दो दिन पहले हुयी है।”

बैठक से थोड़े समय के लिए उठ कर गए चुरकिन ने पत्रकारों से कहा कि 19 सितंबर को संयुक्त क्रियान्वयन गुट अपना काम शुरु करने वाला था। अगर अमरीका को दैरुज़्ज़ूर या कहीं दूसरी जगह नुस्रा या दाइश के ख़िलाफ़ प्रभावी हमला करना था तो उसे 2 दिन और इंतेज़ार करना, हमारी सेना से समन्वित करना और यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि हमले का निशाना बुरे लोग बन रहे हैं। इसके बजाए उन्होंने अंधाधुंध कार्यवाही की।

ज्ञात रहे कि पिछले दिनों ही जार्डन के वहाबी मुफ़्ती अबू मुहम्मद अलमक़दिसी ने ट्वीट में अमरीका से सीरिया में थल सेना भेजने की मांग की की और कहा था कि सीरिया में अमरीकी सेना को सीरियन केन्द्रों और सैनिकों को निशाना बनाना चाहिये, जिसके जवाब में अमरीकी सेना ने आतंकवादियों का समर्थ करते हुए सीरियन आर्मी पर बमबारी की जिसमें 64 सैनिकों की मौत हुई है।

 

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