हज़रत युसुफ (अलैहिस्सलाम) का क़िस्सा

हज़रत युसुफ (अलैहिस्सलाम) के भाई पिता के पास पलट आते हैं आपके पिता बिनयामीन के लिये इतना रोते हैं कि आँखे सफेद हो जाती हैं, आप हज़रत युसुफ (अलैहिस्सलाम) को ख़त लिख कर बिनयामीन की सफाई पेश करते हैं, आप पिता का ख़त पढ़ कर रोते हैं और अपने भाईयों को अपने कपड़े देते हैं जिससे पिता की आँखे ठीक हो जाती हैं, पिता पुत्र मिल जाते हैं और आपका विवाह ज़ुलेख़ाँ से हो जाता है।

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