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ख़ुदा वंदे आलम ने विभिन्न आयतों में असहाब रसूल को मुख़ातब किया है कुछ आयतों में सहाबा की प्रशंसा की है और कुछ आयतों में निंदा की है
पैगम्बर ने फरमाया है: इस्लाम खत्म नहीं होता जब तक बारह उत्तराधिकारि ना आ जाएं.
इस्मत अहले बैत अलैहिमुस्सलाम
शियों का मानना है की परमेश्वर अपने खास सेवकों इल्म खेब प्रदान करता है.
खुदा के अलावा किसी को मदद के लिये पुकारना किया शिर्क है ?
हमारे धर्म में जो इमामत का अर्थ है उसके आधार पर कोई दूसरा इमाम से बेहतर नही हो सकता जैसे वे सभी गुण जो एकमात्र नबी के लिए आवश्यक हैं
क्या हर सहाबी अपमान पर कुफ्र का फ़्तवा दिया जाता है या केवल कुछ ख़ास सहाबा के अपमान पर
वहाबियत, साम्राज्यवाद और इस्लाम (1) + वीडियो
इस वीडियो में वहाबियत के हाथों साम्राज्यवाद द्वारा इस्लाम के विरुद्ध रची जाने वाली साजिशों को बेनकाब करने की कोशिश की गई है।
बदा शियों के दृष्टि से
आज की दुनिया में कुछ मुतअस्सिब वहाबियों का ये कहना है शिया बदा के कायल हैं.
खुदा को किसी भी हालत में नहीं देख सकते इस की दलील कुरआन की आयतों में बयान हो चुकी है जैसे हज़रत मूसा को खुदा का जवाब قالَ رَبِّ أَرِني‏ أَنْظُرْ إِلَيْكَ قالَ لَنْ تَراني‏
आज की दुनिया में कुछ मुतअस्सिब वहाबियों का ये कहना है शिया रजअत के कायल हैं. हालांकि रजअत का इनकार कुरान के खिलाफ है क्योंकि कुरान में बहुत सी आयतों में पिछले क़ौमों में रजअत का होना बयान हुआ है .
वहाबियत और अहले सुन्नत का अंतर
आज की दुनिया में कुछ मुतअस्सिब वहाबियों का ये कहना है. की अहले सुन्नत भी वहाबि है. जबकि ऐसा बिलकुल नहीं है क्योंकि आतक़ादी मामले वहाबियत और अहले सुन्नत में बहुत अंतर पाया जाता है
ख़ुदा वंदे आलम ने विभिन्न आयतों में असहाब रसूल को मुख़ातब किया है कुछ आयतों में सहाबा की प्रशंसा की है और कुछ आयतों में निंदा की है
पैगम्बर ने फरमाया है: इस्लाम खत्म नहीं होता जब तक बारह उत्तराधिकारि ना आ जाएं.
खुदा के अलावा किसी को मदद के लिये पुकारना किया शिर्क है ?
वहाबियों का कहना है खुदा के अलावा किसी को मदद के लिये पुकारना शिर्क है. इसलिए, हर कोई पैगम्बर को पुकारे या कहे मेरी शफ़ाअत करें इस स्थिति में उस व्यक्ति ने उस की पूजा की है.
अहले बैत अलैहिमुस्सलाम का इल्म ग़ैब
शियों का मानना है की परमेश्वर अपने खास सेवकों इल्म खेब प्रदान करता है. عالم الغیب فلا یظهر علی غیبه احداً الا من ارتضی

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