आतंकवाद की जड़ सऊदी अरब और वहाबियत है- हसन नसरुल्लाह

जब सऊदी अरब खुद को इस्लाम, क़ुरआन और पैगम्बरे इस्लाम की भूमि का प्रतिनिधि बताता है और फिर इस्राईल को औपचारिकता देता है तो स्पष्ट है हम एक बहुत बड़ी धार्मिक व सांस्कृतिक त्रासदी की ओर बढ़ रहे होते हैं

शुक्रवार को सैयद हसन नसरुल्लाह ने जो भाषण दिया उसमें सऊदी अरब की कड़ी आलोचना की और अपने भाषण में हाल की दिनों में सऊदी अरब और इस्राईल की बढ़ती हुई नज़दीकियों की कड़ी निंदा की

सैयद हसन नसरुल्लाह ने अपने भाषण में कहा कि अरब जगत बहुत बुरे हालात से गुज़र रहा है।

उन्होंने कहाः पूरा अरब जगत संकटों में घिरा हुआ है और अरब देश कमज़ोर हो चुके हैं।

फिलिस्तीन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि " अरब सरकारों ने फिलिस्तीन के विषय को हाशिए पर डाल दिया है और इसी लिए सऊदी जनरल और अधिकारी, सऊदी सरकार की अनुमति से इस्राईल की यात्रा करते हैं और ज़ायोनी शत्रु से खुले संबंध स्थापित करने की भूमिका तैयार करते हैं।"

उन्होंने कहाः" जब सऊदी अरब खुद को इस्लाम, क़ुरआन और पैगम्बरे इस्लाम की भूमि का प्रतिनिधि बताता है और फिर इस्राईल को औपचारिकता देता है तो स्पष्ट है हम एक बहुत बड़ी धार्मिक व सांस्कृतिक त्रासदी की ओर बढ़ रहे होते हैं।"

सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहाः " जो भी यह काम करे, चाहे वह जार्डन से हो, मिस्र से हो या सीरिया से हो, अरबों को चाहिए कि वह उसकी आलोचना करें।"

उन्होंने कहा कि " सऊदी अरब के कुछ मुफ्तियों ने फतवा देकर इस्राईल के साथ अच्छे संबंध बनाने की इजाज़त भी दे दी है।"

सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहाः सऊदी अरब को साम्राज्यवादी विचारधारा का चश्मा उतार कर, इराक़, सीरिया, बहरैन और यमन के लोगों से बात- चीत करनी चाहिए।

उन्होंने सऊदी अरब के विदेशमंत्री को मानसिक रोगी बताते हुए कहाः" सऊदी विदेशमंत्री रूस जाकर सौदेबाज़ी करते हैं और कहते हैं कि अगर रूस बश्शार असद को छोड़ दे तो रूस को इलाके में भूमिका दे दी जाएगी, यह कैसा मज़ाक है? या सच में एक जोक है, क्या इस इलाक़े पर तुम्हारा क़ब्ज़ा है और सब कुछ तुम्हारे हाथ में है कि जो तुम कुछ भूमिका रूस को दे दो, कुछ अमरीका को, कुछ इसे, कुछ उसे? क्या तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है? तुम्हारी इतनी हैसियत ही नहीं है कि किसी देश को कोई भूमिका दो या सौदेबाज़ी करो? न तुम्हारी यह हैसियत है न तुम्हारे नरेश की और न ही तुम्हारे बड़ों की।

सैयद हसन नसरुल्लाह ने यमन और सीरिया के खिलाफ सऊदी अरब के युद्ध और वहां किये जाने वाले अपराधों का उल्लेख करते हुए कहाः " सऊदी अरब, वहाबियों, दाइश, अलक़ाएदा और अन्नुस्रा फ्रंट की संस्कृति की, हत्या व सिर काटना है, जो लोग, आम लोगों का सिर काटते और हत्या करते हैं चाहे जर्मनी में, चाहे फ्रांस में, या चाहे अफगानिस्तान, इराक, फिलिस्तीन और सीरिया में आत्मघाती आक्रमण करते हैं वह सब वहाबी हैं। जो एक गिरिजाघर में जाकर पादरी का गला रेतता है दाइश का आतंकवादी है किंतु उसे यह सीख सऊदी अरब से मिली है, जो नीस में हमला करता है, इराक़ के अलकरादा में बेगुनाहों को मारता है, सीरिया के एलेप्पो में एक फिलिस्तीनी बच्चे की गर्दन काटता है वह निश्चित रूप से वहाबी विचारधारा रखता है।"

सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहाः " सऊदी अरब इस्राईल के साथ बिना किसी शर्त के संबंध स्थापित कर रहा है जबकि वह सऊदी की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाने वाले बहरैनियों, यमनियों और ईरानियों से संबंध बनाने के लिए भांति- भांति की शर्तें रख रहा है।"

उन्होंने कहा कि सऊदी अरब के पास अब भी मौक़ा है, यमनी, बहरैनी, इराकी, सीरियाई और ईरानी बात-चीत के लिए तैयार हैं, अभी बात कर ले वरना पूरे इलाक़े में उसकी साजिशें नाकाम होंगी और उसे शर्मनाक पराजय का सामना करना पड़ेगा।

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