ईरानी युद्धाभ्यास पर रूसी मीडिया की रिपोर्ट, यह ट्रम्प के लिए आत्महत्या करने जैसा है

रूसी मीडिया ने अपनी रिपोर्ट में स्वीकार किया है कि ईरानी नौसेना का हालिया युद्धाभ्यास तमाम राजनीतिक समूहों के अनुसार एक बेहतरीन और चालाकी भरा क़दम माना गया है।

वेबसाइट राशा इनसाइडर ने इरानी नौसेना द्वारा होर्मुज के जलडमरूमध्य में किए गए हालिया युद्धाभ्यास पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है।

आर टी की रिपोर्ट के अनुसार ईरानी नौसेना के कमांडर हबीबुल्लाह सैय्यारी के बताया है कि इस यह अभ्यास, इलेक्ट्रानिक युद्ध, मिसाइल परीक्षण, जानकारी आपरेशन, पनडुब्बियों की तैनाती और बचाव कार्य पर आधारित है।

इसी प्रकार इस युद्धाभ्यास के अतिरिक्त नौसेना के कमांडोज़ मकरान के दक्षिण-पूर्व में एक विशेष अभियान अंजाम दे रहे हैं।

जून 2016 में सैय्यदारी ने एलान किया था कि तेहरान मार्च 2017 से पहले 20 युद्धाभ्यास की प्लानिंग कर रहा है।

इस रिपोर्ट के अनुसार वाशिंगटन ने 19 फ़रवरी को ईरान को मीज़ाइल परीक्षण करने पर धमकी दी थी और कहा था कि वह ईरान पर निगरानी करेगा, जिसपर ईरान के विदेश मंत्री ज़रीफ़ ने प्रतिक्रिया दी थी और कहा था कि ईरान इसका बेहतरीन जवाब देगा।

ज़रीफ़ ने इस विषय पर बीबीसी से बात करते हुए कहाः ईरान के विरुद्ध धमकियों का कोई प्रभाव नहीं होने वाला है, बेहतर यह है कि ईरान के साथ सम्मान की भाषा में बात की जाए।

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डाक्टर मजीद रफ़ी ज़ादे ने भी इस बारे में अरब न्यूज़ से बात करते हुए कहाः ईरान के सरकारी समाचार पत्रों ने ट्रम्प के सत्ता में आने के बाद ईरान के दूसरे बड़े युद्धाभ्यास पर जश्न मनाया।

उन्होंने कहाः उदारवादी सुधारकों और परंपरावादी दोनों पार्टियों का मानना है कि यह युद्धाभ्यास एक रणनीति और सामरिक दृष्टि से उठाया गया चालाकी भरा क़दम है। ईरान ट्रम्प सरकार और क्षेत्र की शक्तियों को संदेश दे रहा है कि ईरान अपनी विदेशी और क्षेत्रीय रणनीति में कोई बहुत बड़ा बदलाव नहीं करने वाला है चाहे अमरीका में नई सरकार ही क्यों न बन जाए।

रफ़ी ज़ादे ने कहाः इस्लामी गणतंत्र ईरान अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करके क्षेत्र में अपनी श्रेष्ठता साबित करने के प्रयास में है।

इस रिपोर्ट के अनुसार ट्रम्प को ईरान के विरुद्ध अपनी झूठी उम्मीदों से को पूरा करने के लिए सुन्नी गठबंधन की आवश्यकता है, और यह आत्महत्या है।

 

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