टम्प ईरान जाते तो उनकी प्रशंसा करतेः जॉर्डन बरोज़

अमरीकी पहलवान ने ईरान की यात्रा के बाद कहा है कि अगर हमारे देश के राष्ट्रपति ईरान जाते तो निसंदेह उनकी प्रशंसा करते।

अमरीकी पहलवान ने ईरान की यात्रा के बाद कहा है कि अगर हमारे देश के राष्ट्रपति ईरान जाते तो निसंदेह उनकी प्रशंसा करते।

कुछ समय पहले अमरीकी राष्ट्रपति के आप्रवासी क़ानून के कारण बहुत से ईरानियों के अमरीका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया, जिसके कारण अमीरीक पहलवान भी ईरान में होने वाले कुश्ती वर्ल्ड कप में सम्मिलित होने के लिए आसानी से ईरान का वीज़ा न पा सके, लेकिन आख़िरकार उनको वीज़ा मिला और इस खेल में वह दूसरे स्थान पर रहे।

अमरीका के प्रसिद्ध पहलवान जार्डन बारोज़ ने अमरीका वापस जाने के बाद अपनी ईरान की यात्रा पर GQ वेबसाइट के साथ साक्षात्कार में अपने दिल का हाल बयान किया।

प्रश्नः वर्ल्ड कप में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए हम आपको मुबारकबाद देते हैं, आप कितनी अवधि ईरान में रहे और कब वापस लौटे?

धन्यवाद, हम आठ दिन ईरान में दे और रविवार को वापस आए हैं।

प्रश्नः वर्ल्ड कप का विजेता ईरान रहा, उनके पास कुश्ती के खिलाड़ियों की एक बेहतरीन टीम है, और बेहतरीन व्यवस्था के कारण वह अच्छा प्रदर्शन करते हैं

आश्चर्य की बात यह है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मैं अपने सात साल के कैरियर में कभी भी किसी ईरान से नहीं हारा, लेकिन वह टीम स्तर पर हमेशा बेहतरीन रहे हैं। यह मेरे पाँचवा वर्ल्ड कप था, इन सारे वर्ल्ड कप में हम ईरानियों से हारे हैं, जो दिखाता है कि वह कितने उच्च स्तर पर हैं, वह व्यवस्थित और खेल के प्रति उनमें बहुत जोश है, वह जानते हें कि कि खेल में कैसे बढ़त बनाए रखी जाए।

क्या आपको लगता है कि उनकी यह उत्कृष्टता उनके सांस्कृतिक गौरव के कारण है?

निसंदेह ऐसा ही है। अमरीका के अलावा वह एक ऐसा देश है जहां मैंने खेल के प्रति दीवानगी देखी है और मुझे पता है कि यह दीवानगी उनके सांस्कृतिक गौरव से संबंधित है, अमरीकियों की यह दीवानगी रग्बी, बास्किट बाल औऱ बेसबाल में दिखती है लेकिन ईरान में यह दीवानगी कुश्ती में दिखाई देती है, उनकी देशभक्ति उनकी कुश्ती में दिखती है और यही कारण है कि वह बेहतरीन हैं।

एक अमरीकी होकर दोनों देशें के बीच कई दशकों की शत्रुता के बाद ईरान की यात्रा आपके लिए कितनी कठिन थी? विशेष कर ट्रम्प के नए क़ानून के बाद वहां के हालात कैसे हैं?

मैं नेश्नलिस्ट नहीं हूँ लेकिन अपने देश से प्यार करता हूँ, मैं चाहता था कि ईरान के लोगों को पता चले कि अमरीका में भी डेमोक्रेसी है। हम भी डेमोक्रेटिक अधिकारियों को वेट देते हैं अगरचे वह कभी कभी नहीं भी जीतते हैं लेकिन अब भी मैं अपने देश से प्यार कर सकता हूं, ईरानियों के बारे में मेरी और ट्रम्प की राय अलग है मुझे विश्वास है कि अगर ट्रम्प एक बार ईरान की यात्रा पर चले जाएं तो वह भी ईरानियों के सराहेंगे

प्रश्नः यह एक साहसिक टिप्पणी है, क्या आपको इस पर होने वाली संभावित प्रतिक्रिया से डर नहीं लगता है?

अब तक मैं दो बार ईरान गया हूँ अगर सच कहूँ तो ईरानी लोग दुनिया में सबसे अधिक दयालु पृव्रति वाले और मेहमान नवाज़ लोग है, उनकी एक पुरानी सभ्यता है, मुझे लगता है कि अब मैंने ईरानियों को पहचानना शुरू किया है, आपके प्रश्न के उत्तर में मैं यहू कहूँगा कि मैं अपने टिप्पणी पर विश्वस्त हूँ और प्रतिक्रिया से भी नहीं डरता हूँ।

प्रश्नः ईरानी टीम में से क्या किसी से आपकी दोस्ती हुई?

मसऊद इस्माईलपूर से मेरी दोस्ती है, कभी कभी इंस्टाग्राम पर एक दूसरे को संदेश भी भेजते हैं, हम दोनों की दोस्ती में एक दूसरे के सम्मान का भाव अधिक है।

प्रश्नः आप उन अमरीकियों से जिनको ईरानियों पर भरोसा नहीं है औज जो आवर्जन क़ानून को सही मानते हैं क्या कहेंगे?

ईरान के बारे में मीडिया और फ़िल्मों में जो दिखाया जाता है वह सही नहीं है, यह फ़िल्में वास्तविक ईरान को नहीं दिखाती हैं, मुझे लगता है आप ईरान के बारे में सही तरह से तभी जान सकते हैं जब आप ख़ुद ईरान जाएं, और जो मैंने देखा उसको महसूस करें, अगर आप यह करेंगे तो आप देखेंगे कि ईरानी होने का क्या अर्थ है, मैं वचन देता हूँ कि आपका दृष्टिकोण बदल जाएगा।

प्रश्नः क्या आपको ईरान में कोई परेशानी हुई?

बिलकुल नहीं। लोगों से मिलने वाले प्यार और मोहब्बत ने हमारा हौसला बढ़ाया, हम मुक़ाबलों के लिए ख़ुद को तैयार करते थे, वह हमारे साथ फोटो लेते थे, कभी कभी तो एक फोटों के लिए वह घंटो प्रतीक्षा किया करते थे, मुक़ाबलों के बाद बहुत से आम लोगों ने हमारे लिए, कुर्दी कपड़े, ईरानी कविताओं की किताब, गुड़िया, केसर, सोहान जैसी चीज़ें उपहार में दीं।

अगर आप से कहा जाए कि जहाज़ आपको दोबारा ईरान ले जाने के लिए तैयार है तो आप क्या कहेंगे?

मैं कहूँगा मैं एयरपोर्ट के रास्ते में हूँ।

 

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