अमरीका पर कभी भरोसा न करनाः आयतुल्लाह ख़ामेनेई

ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने इराक़ के शिया गठबंधन को अपनी महत्वपूर्ण नसीहत में फ़रमायाः अमरीकियों पर कभी भी भरोसा न करना।

ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने इराक़ के शिया गठबंधन को अपनी महत्वपूर्ण नसीहत में फ़रमायाः अमरीकियों पर कभी भी भरोसा न करना।

टीवी शिया - ईरान

आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने इराक़ के शिया गठबंधन के प्रमुख हुज्जतुल इस्लाम सैय्यद अम्मार हकीम और स्थाई सदस्यों से मुलाक़ात में ख़ुशी प्रकट करते हुए इराक़ में विभिन्न शिया गुटों के बीच होने वाले गठबंधन और एकता को महत्वपूर्ण बताया और इस एकता को बनाए रखने पर ज़ोर दिया और कहा कि इस गठबंधन को दूसरी क़ौमों और समुदाय के लोगों के लिए भी अपने दरवाज़े खुले रखने चाहिए।

आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने पैग़म्बरे इस्लाम और इमाम सादिक़ के जन्मदिवस और मूसिल में जारी कामयाबियों पर मुबारकबाद देते हुए इस गठबंधन औऱ उसके सदस्यों की जिम्मेदारियों को बहुत गंभीर बताया औऱ कहा कि उनके द्वारा लिया गया हर फैसला इराक़ और क्षेत्र को प्रभावित करेगा।

आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने इराक़ में आतंकवादियों के विरुद्ध लड़ रहे हश्द अलशाबी जिसको स्वंयसेवी संगठन भी कहा जाता है के बारे में कहाः हश्द अलशाबी इराक़ की बहुत बड़ी दौलत है और इराक़ के आज एवं कल के लिए बहुत बड़ा ज़खीरा है जिसका समर्थन किया जाना चाहिए।

आपने अपनी मुलाक़ात में शिया गठबंधन से अपनी नसीहत में कहाः अमरीकियों पर कभी भी भरोसा मत करना।

उन्होंने कहाः अमरीका सदैव से इस्लामी देशों जैसे इराक़ के शक्तिशाली होने के विरुद्ध रहा है, उनके लुभावने चेहरे और मुस्कुराहट पर धोखा नहीं खाना चाहिए।

उन्होंने कहा ईरान की इस्लामी क्रांति की नसीहत सदैव से अमरीका पर भरोसा न करना रहा है, और हमने ईरान में जब तक इस नसीहत पर भरोसा किया फ़ायदा उठाया लेकिन जब जब इस नसीहत को भुलाया है नुक़सान उठाया है।

आपने अमरीका पर भरोसा न करने के सिलसिले में कहाः वह अपने दावों के विरुद्ध कभी भी तकफ़ीरी आतंकवाद के समाप्त नहीं करना चाहते हैं बल्कि वह कोशिश कर रहे हैं कि कुछ आतंकवादियों को बचा लिया जाए ताकि बाद में उनको इस्तेमाल किया जा सके। इस समय मूसिल और सीरिया में अमरीकी तकफ़ीरी आतंकवाद की पूर्ण हार नहीं चाहते हैं।

आपने दाइश द्वारा इराक़ के चोरी किए गए तेल को बेचने के बारे में कहाः उस समय अमरीकी तेल टैंकरों की सांप जैसी लंबी लाइन को केवल देखते रहते थे उन्होंने कभी भी उनको अपना निशाना नहीं बनाया, क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि दाइश कमज़ोर हो और यही कारण है कि अमरीकियों पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।

आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने अंत में चेहलुम के अवसर पर इराक़ी अधिकारियों और लोगों द्वारा इमाम हुसैन के ज़ाएरों की अभूतपूर्व इस्तेक़बाल और मेहमान नवाज़ी पर धन्यवाद करते हुए चेहलुम की पैदल यात्रा को महान एवं अदिर्तीय बताया।

 

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