आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने सही कहा थाः अमरीकी विश्लेषक

एक अमरीकी विश्लेषक ने ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह ख़ामेनेई के उस बयान को सही बताया है जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर ईरान विरोधी प्रतिबंधों का विस्तार किया जाता है तो वह परमाणु समझौते के विरुद्ध होगा।

एक अमरीकी विश्लेषक ने ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह ख़ामेनेई के उस बयान को सही बताया है जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर ईरान विरोधी प्रतिबंधों का विस्तार किया जाता है तो वह परमाणु समझौते के विरुद्ध होगा।

अमरीकी विश्लेषक माइकल जोन्स ने अमरीकी सीनेट की तरफ़ से ईराने के विरुद्ध प्रतिबंधों को दस साल बढ़ाए जाने और अमरीकी अधिकारियों के इस दावे पर कि यह प्रतिबंध परमाणु समझौते के विरोध नहीं है के बारे में बोलते हुए तसनीम न्यूज़ एजेंसी से कहाः सबसे पहले हम को यह समझना होगा कि पार्लिमेंट में इस समय रिपब्लिकनस का बहुमत नहीं है। इस पर इस समय इस्राईली लॉबी का कंट्रोल है और यह कारण है कि ईरान के विरुद्ध प्रतिबंधों को 10 साल के लिए बढ़ा दिया गया है, और अमरीकी का यह क़दम ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते के विरुद्ध है जिसका अर्थ यह है कि इर प्रतिबंधों के सिलसिले में अमरीका विश्व में अलग थलग पड़ जाएगा और इन प्रतिबंधों का कोई महत्व नहीं होगा क्योंकि परमाणु समझौते के बाद विश्व के दूसरे देश ईरान के साथ आर्थिक और व्यापारिक समझौते के लिए आज़ाद हैं और यह चीज़ अमरीका की अर्थ व्यवस्था के लिए हानिकारक है।

इस विश्लेषक ने ईरान पर प्रतिबंधों के विस्तार के सिलसिले में आयतुल्लाह ख़ामेनेई द्वारा परमाणु समझौते के विरुद्ध होने के बयान पर कहाः आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने सही कहा है, ईरान के विरुद्ध प्रतिबंधों का विस्तार परमाणु समझौते का इनकार है।

 

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