ग़ुलु अहलेबैत की दृष्टि से

आइम्मा और अहलेबैत (अ) ने गालीों के बारे बहुत ही सख्त रुख अख्तियार किया है बल्कि अगर यह कहा जाए तो यह ग़लत नहीं होगा कि अहले बैत (अ) ने जिस तरह ग़ुलु समस्या में गालीयों की निंदा की है ऐसी किसी समस्या में निंदा नहीं की पूरी ताकत के साथ उनका मुकाबला किया और इ

आइम्मा और अहलेबैत (अ) ने गालीों के बारे बहुत ही सख्त रुख अख्तियार किया है बल्कि अगर यह कहा जाए तो यह ग़लत नहीं होगा कि अहले बैत (अ) ने जिस तरह ग़ुलु समस्या में गालीयों की निंदा की है ऐसी किसी समस्या में निंदा नहीं की पूरी ताकत के साथ उनका मुकाबला किया और इस खतरनाक बीमारी के कई और विभिन्न तरीकों के साथ इलाज किया है।

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