हिज़्बुल्लाह महासचिव हसन नसरुल्लाह की जीवनी

हिज़्बुल्लाह के महासचिव और शिया धर्मगुरु सैय्यद हसन नसरुल्लाह 31 अक्तूबर 1960 को बैरूत के ग़रीब महल्ले अलबाज़ूरिया में पैदा हुए और इस्राईली सेना द्वारा सैय्यद अब्बास मूसवी की हत्या के बाद 1992 में हिज़्बुल्लाह के महासचिव का पद संभला।

बुशरा अलवी

हिज़्बुल्लाह के महासचिव और शिया धर्मगुरु सैय्यद हसन नसरुल्लाह 31 अक्तूबर 1960 को बैरूत के ग़रीब महल्ले अलबाज़ूरिया में पैदा हुए और इस्राईली सेना द्वारा सैय्यद अब्बास मूसवी की हत्या के बाद 1992 में हिज़्बुल्लाह के महासचिव का पद संभला। (1)

आपकी मां का नाम महदिया सफ़ीउद्दीन और पिता का नाम सैय्यद अब्दुल करीम है, हसन नसरुल्लाह के बचपन में उनके पिता सब्ज़ी और फल बेचने का कार्य किया करते थे। (2) अपके तीन भाई और पाँच बहनें हैं और आप अपने परिवार के सबसे बड़े सदस्य हैं, गरीबी और बेकारी के कारण आपका परिवार दक्षिणी बैरूत के अलकरनतीना की तरफ़ पलायन कर गया लेकिन 1975 में गृहयुद्ध शुरू होने के बाद आप का परिवार दोबारा अलबारूजिया वापस आ गया (3) सैय्यद हसन नसरुल्लाह को बचपन से ही इमाम मूसा सद्र से बहुत अधिक प्रेम था। (4)

शिक्षा

हसन नसरुल्लाह ने अपनी आरम्भिक शिक्षा अपने गृह नगर में ही ग्रहण की लेकिन उसके बाद आप पूर्वी बैरूत के सनअलफ़ील चले गए और अपने हाईस्कूल की पढ़ाई अलबारूज़िया में ही पूरी की और 1976 में धार्मिक शिक्षा के लिए इराक़ चले गए और दो साल की पढ़ाई के बाद लेबनान वापस लौटे और लेबनान के बअलबक के इमामुल मुनतज़र मदरसे में आगे की पढ़ाई की। (5) 1989 में आगे की पढ़ाई के लिए आप क़ुम पहुँचे लेकिन एक साल बाद ही आपको लेबनान के गंभीर माहौल और हिज़्बुल्लाह के बुलावे पर बैरूत वापस लौटना पड़ा। (6)

राजनीतिक गतिविधियां

हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी करने और लेबनान में गृहयुद्ध आरम्भ होने के साथ ही नसरुल्लाह अमल आन्दोलन से जुड़ गए और इस शिया आन्दोलन की तरफ़ से आपको अलबारूज़िया गांव में संगठन का मुखिया बनाया गया। 18 साल की आयु में हसन नसरुल्लाह को डाक्टर मुस्तफ़ा चमरान की तरफ़ से उनके अपने गांव में कमांडर की जिम्मेदारी सौंपी जाती है, नसरुल्लाह कहते हैं मैं अभी बच्चा हूँ लेकिन मुस्तफ़ा जवाब में कहते हैं: मुझे बहादुर और निडर जवानों की ज़रूरत है। (7) अपने इमामुल मुनतज़र मदरसे में पढ़ाई के दौरान ही अमल आन्दोलन के साथ राजनीतिक गतिविधियां आरम्भ कर दी और उसी ज़माने में ही आफको इस संगठन का राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य चुना गया। (8)

लेबनान में इमाम ख़ुमैनी का प्रतिनिधित्व

1981 में हसन नसरुल्लाह की तेहरान में इमाम ख़ुमैनी से मुलाक़त होती है और इमाम ख़ुमैनी आपको लेबनान में धार्मिक और हिसबी (धार्मिक पैसे) के मामलों में अपना प्रतिनिधि नियुक्त करते हैं। जिस समय आपको इमाम ख़ुमैनी ने अपना प्रतिनिधि बनाया तब आपकी आयु केवल 21 साल थी और हिज़्बुल्लाह की लीडरों में आप पहले व्यक्ति थे जिसको इमाम ख़ुमैनी ने अपना प्रतिनिधि बनाया था। (9) 1982 में भी नसरुल्लाह ने अमल आन्दोलन की खेल टीम के पर्यवेक्षक के तौर पर तेहरान की यात्रा की लेकिन लेबनान में युद्ध शुरू हो जाने के कारण यह यात्रा अधूरी रह गई। (10)

ईरान के साथ संबंध

सैय्यद हसन नसरुल्लाह ने सहायक ने इस सवाल के उत्तर में कि अगर इस्राईल या उसके सहयोगी ईरान पर हमला कर दें तो हिज़्बुल्लाह की प्रतिक्रिया क्या होगी कहाः इस्लामी ईरान के साथ हमारे संबंध बाप और बेटे के समान है ईरान पर हमले की सूरत में हम उसकी रक्षा करेंगे, अगर ज़रूरत पड़ी तो हम अपनी जान भी क़ुरबान कर देंगे, और हम यह करेंगे, और इसका कारण कोई कट्टरपन नहीं है बल्कि हम यह काम इस्लामी दुनिया के लिए करेंगे।

हिज़्बुल्लाह का गठन

1982 में लेबनान पर इस्राईली हमले और इमाम मूसा सद्र के अपहरण के और अमल आन्दोलन के लीडरों में राजनीतिक एवं सैन्य मतभेदों के कारण हसन नसरुल्लाह और अमल के कुछ दूसरे लीडर सैय्यद अब्बास मूसवी (जो ईरानी क्रांति के समर्थक थे) के नेतृत्व में संगठन से अलग हो गए, और उनका अमल से अलग होना ही हिज़्बुल्लाह के गठन की पृष्ठभूमि है। 1982 में ही अब्बास मूसवी के नेतृत्व में हिज़्बुल्लाह बेल डाल दी गई। (11)

जिम्मेदारियां

हिज़्बुल्लाह के गठन के साथ ही नसरुल्लाह ने उसमें अपनी गतिविधियां आरम्भ कर दी 1985 में बैरूत आने के साथ ही आपकी ज़िम्मेदारियां भी बढ़ गईं , आपकी पहली बड़ी ज़िम्मेदारी प्रतिरोधी बलों को तैयार करना और सैन्य शाख़ा का गठन करना था और उसकी के साथ लेबनान संसद में हिज़्बुल्लाह के संसद इब्राहीम अमीन के सहायक की भी ज़िम्मेदारी आप के ही कांधों पर थी। 1987 में हिजबुल्लाह की कार्यकारी समिति के गठन के साथ ही आपको इस समिति के अध्यछ पद के लिए चुना गया, इसी के साथ ही आप हिज़्बुल्लाह की निर्णय समिति में भी शामिल हुए और आपको उसका कार्यकारी निदेशक बनाया गया। (12)

महासचिव का पद

16 फ़रवरी 1992 को इस्राईली हेलीकाप्टर द्वारा सैय्यद अब्बास मूसवी की हत्या के बाद हिज़्बुल्लाह की निर्णय समिति द्वारा बिना किसी मतभेद के निर्विरोध पूर से सैय्यद हसन नसरुल्लाह को हिज़्बुल्लाह का महासचिव चुना गया। (13)

इस्राईल के विरुद्ध अभियान

नसरुल्लाह ने हिज़्बुल्लाह का महासचिव बनने के साथ ही इस्राईल के विरुद्ध आक्रमणकारी नीति अपनाई। आपके महासचिव बनने के एक साल बाद ही 1993 में हिज़्बुल्लाह से मुठभेड़ के दौरान इस्राईल के 26 सैनिक मारे गए, इस्राईल को लेबनान के दक्षिणी हिस्सों से बाहर करने के लिए हिज़्बुल्लाह की आगे बढ़ती चली गई, 1997 में इस्राईली सैनिकों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 40 हो गई, हिज़्बुल्लाह द्वारा इस्राईल के विरुद्ध चलाए जाने वाले अभियानों के बाद विवश होकर इस्राईल को लेबनान की सीमाओं से पीछ हटना पड़ा, 1997 में हिज़्बुल्लाह द्वारा इस्राईल को लेबनान से खदेड़ने के साथ ही लेबनानी जनता के बीच हसन नसरुल्लाह की मोहब्बत घर कर गई। (14)

बेटे की मौत

सैय्यद हसन नसरुल्लाह के बड़े बेटे मोहम्मद हादी 1997 में लेबनान के दक्षिण में इस्राईली सैनिकों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए। (15)
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1.    ईरान डेप्लोमेटिक न्यूज़ एजेंसी, 22/1/2009.
2.    आवीनी सूचना एवं कला केन्द्र 20/1/2009.
3.    फ़ार्स न्यूज़ एजेंसी 20/1/2009.
4.    फार्स न्यूज़ एजेंसी 22/1/2009.
5.    तिबयान सूचना एवं कला केन्द्र 21/1/2009.
6.    कैमरा डाट आर्ग Hassan Nasrallah: In His Own Words.
7.    तस्नीम न्यूज़ 18/6/2013.
8.    तिबयान सूचना एवं कला केन्द्र 21/1/2009.
9.    अध्ययन और नीति अनुसंधान संस्थान 21/1/2009.
10.    चैनल 3 जमहूरी इस्लामी ईरान.
11.    फ़ार्स न्यूज़ एजेंसी 20/1/2009.
12.    फ़ार्स न्यूज़ एजेंसी 20/1/2009.
13.    फ़ार्स न्यूज़ एजेंसी 20/1/2009.
14.    कैमरा डाट आर्ग Hassan Nasrallah: In His Own Words.
15.    फ़ार्स न्यूज़ एजेंसी 20/1/2009.

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